कहीं आपको बार बार भूख ,प्यास तो नहीं लगती है या पेशाब की मात्रा ज़्यादा है? अगर ऐसा है तो मुमकिन है आप को डायबिटीज हो; ये इसके शुरुआती लक्षण हैं।
कई लोगों को तो जल्द ही थकान लगने लगती है, ऐसा मधुमेह यानी डायबिटीज के कारण होता है। अगर इनमे से कोई भी लक्षण आप देखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और अपनी जाँच करवाए।
“डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो आज भारत के हर घर में अपनी जगह बना चुकी है, लेकिन समय से अगर जाँच और इलाज हो तो मरीज ठीक हो सकता है।” डॉक्टर विवेक अग्रवाल गाँव कनेक्शन से कहते हैं।
वे आगे कहते हैं, “थोड़ी सावधानी रख कर इससे बचा जा सकता है और आप एक सामान्य जीवन जी सकते हैं; मधुमेह का अर्थ ही है खून में चीनी (शुगर) की मात्रा का बढ़ जाना।”
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भारत में लगभग 18 वर्ष से अधिक आयु के 77 मिलियन लोग टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित हैं, और करीब 25 मिलियन प्रीडायबेटिक हैं (जो आने वाले समय में डायबिटीज डेवलप करने के अधिक रिस्क में हैं)। अधिकांश लोग अपने डायबिटीज स्थिति के बारे में अनजान हैं, अगर इसकी समय रहते जानकारी नहीं हुई और इलाज नहीं हुआ तो स्वास्थ्य समस्याएँ बढ़ सकती हैं।
डायबिटीज के मरीजों में दिल की धड़कन और ब्रेन स्ट्रोक का ख़तरा दो से तीन गुना बढ़ जाता है। कम रक्त संचार के साथ, पैरों में नर्व डैमेज होने से अल्सर और संक्रमण का ख़तरा भी बढ़ जाता है, जो अंत में अंग काटने की ज़रूरत तक पहुँच सकता है।
डायबिटिक रेटिनोपैथी, रेटिना के छोटे ब्लड वेसल्स में लंबे समय तक जमे नुकसान के परिणामस्वरूप, अंधापन का महत्वपूर्ण कारण है। डायबिटीज किडनी फेल्योर के मुख्य कारणों में से एक है।
मधुमेह और भोजन
डॉ. अग्रवाल कहते हैं, “जो भी हम खा रहे हैं ज़रूरी है कि हमारे भोजन का समय निश्चित हो; हमें अमरूद और पपीते जैसे फल खाना चाहिए जिनमें शुगर की मात्रा कम होती है। जिन फलों में शुगर की मात्रा अधिक है जैसे, आम, अंगूर और केला जैसे फलों का सेवन हमें नहीं करना चाहिए। फास्ट फूड जैसे केक, पिज़्ज़ा, पेस्ट्री का कम सेवन करना चाहिए।”
मधुमेह से बचा सकता है मोटा अनाज
मिलेट्स (मोटे अनाज) में सामान्य अनाजों की तुलना में अधिक फाइबर होता है, जिससे पाचन, हृदय स्वास्थ्य, और रक्त शुगर नियंत्रण में मदद मिलती है। इनमें कम ग्लूटेन और कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होने के कारण ये सेलिएक रोग और मधुमेह वाले लोगों के लिए फायदेमंद हैं।
मिलेट्स में फाइटोस्टेरोल, पॉलीफेनॉल, और एंटीऑक्सीडेंट्स जैसे प्राकृतिक तत्त्व होते हैं जो स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं। ये तत्व शरीर की सुरक्षा में मदद करते हैं, प्रतिरक्षा क्षमता को बढ़ावा देते हैं जिससे आपको आयु बढ़ने पर हृदय समस्याएँ, मधुमेह और कैंसर जैसी बीमारियों का कम ख़तरा होता है।
मधुमेह के मुख्य लक्षण
पेशाब बार-बार आना के साथ उसकी मात्रा का अधिक होना, भूख और प्यास अधिक लगना या जल्दी थकान होना इसके मुख्य लक्षण हैं।
डॉ. अग्रवाल कहते हैं, “अगर आपको इसमें से कोई लक्षण हैं या आपके घर में कोई मधुमेह का शिकार है तो तुरंत जाँच करानी चाहिए; अगर आप शुगर पर नियंत्रण नहीं कर पा रहे हैं तो आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए, दवाइयाँ लेनी चाहिए क्योंकि बढ़ी हुई शुगर एक ज़हर जैसे काम करती है। अगर शुगर बढ़ जाए और उसे नियंत्रित नहीं किया गया तो वो हमारे गुर्दों और आँखों पर खराब प्रभाव डालती हैं, हम अंधे हो सकते हैं, हमारे गुर्दे खराब हो सकते हैं।”
“विश्व में डायलिसिस का सबसे मुख्य कारण मधुमेह से उत्पन्न किडनी की बीमारी है; इस बात से हम समझ सकते हैं कि मधुमेह कितना हानिकारक हो सकता है, लेकिन आप सावधानी और नियमित जाँच से सामान्य जीवन जी सकते हैं, “वो आगे बताते हैं।