कहीं जीएसटी के नाम पर आपकी तो नहीं कट रही जेब, रखें इन बातों का ध्यान 

Karan Pal SinghKaran Pal Singh   25 Aug 2017 2:21 PM GMT

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कहीं जीएसटी के नाम पर आपकी तो नहीं कट रही जेब, रखें इन बातों का ध्यान प्रतीकात्मक फोटो

लखनऊ। जीएसटी (माल और सेवा कर) अभी भी पूरे देश के लोगों के लिए एक बड़ी उलझन बनी हुई है। जीएसटी को लागू हुए लगभग 50 दिन से ज्यादा हो गए हैं, पर लोग अभी भी इस परेशानी में हैं कि जीएसटी अलग-अलग मदों पर कैसे लागू किया जाता है। बता दें कि जीएसटी 1 जुलाई, 2017 को लागू किया गया था।

आमतौर पर उपभोक्ता किसी होटल या रेस्तरां में खाने-पीने के लिए जाता है तो बिल को ध्यान से नहीं देखता, लेकिन जीएसटी लागू होने के बाद भी आप यदि ऐसा नहीं करते तो संभव है कि आपसे ज्यादा पैसा वसूला जा रहा है। अभी भी बहुत से रेस्तरां ऐसे है जो अपनी मर्जी के अनुसार टैक्स चार्ज लगाते हैं साथ ही गैर पंजीकृत भी होते हैं। पुणे में एक ऐसा ही मामला सामने आया है।

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गैर पंजीकृत रेस्तरां 18 प्रतिशत वसूल रहे जीएसटी चार्ज

पुणे में एक व्यक्ति जगदीश ने एक स्थानीय रेस्टोरेंट पर जीएसटी नंबर नहीं होने के बावजूद उपभोक्ताओं के बिल में जीएसटी चार्ज करने का आरोप लगाया है। जगदीश ने अपने फेसबुक एकाउंट के माध्यम से बताया कि मैं एक स्थानीय रेस्टोरेंट में गया जहां मैंने एक पावभाजी और केसर पिस्ता का आर्डर दिया।

खाने के बाद जो बिल आया उसमें जीएसटी 18 प्रतिशत, एसजीएटी नौ प्रतिशत और सीजीएसटी के रूप में नौ प्रतिशत पैसे चार्ज किए गए। जगदीश ने मैनेजर से रेस्टोरेंट का जीएसटी नंबर मांगा तो मैनेजर ने बताया कि अभी तक उन्हें जीएसटी पंजीकरण संख्या प्राप्त नहीं हुई है। जगदीश ने मैनेजर से कहा कि जब तक आपके पास जीएसटी नंबर नहीं आ जाता तब तक आप बिल में जीएसटी चार्ज नहीं कर सकते।

मैनेजर ने जगदीश के बिल में लगी टैक्स की राशि वापस लौटा दी। जगदीश ने 18 अगस्त को अपने फेसबुक पेज पर जानकारी पोस्ट की थी और यह पोस्ट 95,000 से अधिक शेयरों और 25,000 से ज्याद लोगों ने लाइक किया जिससे पोस्ट वायरल हो गया।

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बिल पर लगाए गए टैक्स की जांच करते समय इन चीजें का रखें ध्यान.

सेवा शुल्क

किसी भी रेस्तरां में सेवा शुल्क का भुगतान करना अनिवार्य नहीं है। ग्राहक सेवा शुल्क का भुगतान करने से इनकार करने का हकदार है। इसे सरकार द्वारा नहीं लगाया गया है।

रेस्तरां में लागू जीएसटी दरें क्या है?

विभिन्न खाने के आउटलेट या रेस्तरां में अलग-अलग जीएसटी दरें हैं।

  • नॉन एसी रेस्तरां/ नॉन-एल्कोहल सेवारत होटल के लिए, यह 12% है।
  • एसी/ एल्कोहल-सेवारत होटल के लिए, यह 18% है।
  • सितारा होटलों के लिए, यह 28% है।

एसजीएसटी और सीजीएसटी क्या है?

कई उपभोक्ता एसजीएसटी और सीजीएसटी के बीच उलझन में है। एसजीएसटी राज्य के माल और सेवा कर के लिए है, जबकि सीजीएसटी केन्द्रीय माल और सेवा कर के लिए है। इसका मतलब ये भी है कि आप जो कर का भुगतान करते हैं उसका आधा राज्य के खजाने में जाता है जबकि अन्य आधा केंद्र सरकार के राजकोष में जाता है।

आप जिस रेस्तरां में भोजन कर रहे हैं क्या वो जीएसटी चार्ज करने के योग्य है?

यह आपको चौंका सकता है लेकिन सभी रेस्तरां और भोजनालय जीएसटी के लिए प्रभारी नहीं हैं। गैर-पंजीकृत व्यवसायों को जीएसटी पर शुल्क लगाने की अनुमति नहीं है। यह पता करने के लिए कि आप जिस रेस्तरां में खा रहे हैं, वो पंजीकृत है कि नहीं आप बिल पर दिए गए जीएसटी नंबर की जांच इस लिंक https://services.gst.gov.in/services/searchtp के माध्यम से जीएसटी नंबर सत्यापित कर सकते हैं।

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वैट और जीएसटी

शराब को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है इसलिए आप रेस्तरां में अगर खाने के साथ शराब लेते हैं तो जीएसटी केवल खाने पर ही लगेगा, शराब पर नहीं। शराब पर पहले की तरह वैट ही लगेगा और वह अलग होगा। जैसे, यदि उपभोक्ता के भोजन के लिए 500 रुपये का शुल्क है, तो सेवा शुल्क 50 रुपये का है और शराब के लिए 1000 रुपये का भुगतान होता है तो जीएसटी केवल 550 रुपये पर लागू होगा, जबकि वैट 1000 रुपये पर लागू होगा।

जीएसटी धोखाधड़ी के मामले में हम यहां दर्ज कर सकते हैं शिकायत

  • ई-मेल : [email protected]
  • फोन नंबर : 0120-4888999 , 011-23370115
  • ट्विटर : @askGST_Goi , @FinMinIndia

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