ड्रिंक एंड ड्राइव एक गंभीर अपराध है, जिसे समझना जरूरी है। हाल के दिनों में ड्रिंक एंड ड्राइव के कई मामले सामने आए हैं, जिससे न सिर्फ ड्राइवर बल्कि सड़कों पर चलने वाले अन्य लोग भी खतरे में पड़ जाते हैं। इस समस्या से बचने के लिए ड्रिंक एंड ड्राइव और जुवेनाइल कानूनों को जानना बेहद जरूरी है। गाँव कनेक्शन के विशेष कार्यक्रम ‘कानून जानिए, अधिकार जानिए’ में अधिवक्ता प्रियांशी अग्रवाल इस पर विस्तार से बता रहीं हैं।
हाल ही में हमने देखा कि ड्रिंक एंड ड्राइव की वजह से कितने लोगों की जान चली गई है और कितने लोग लापरवाही के कारण भुगत रहे हैं।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की 2022 की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 3,268 एक्सीडेंट्स और 1,503 फेटलिटीज़ हुई हैं। इन सभी को ध्यान में रखते हुए हमारे इस शो में जानिए क्या नियम हैं और क्या इसके प्रावधान हैं।
गाँव कनेक्शन: जुवेनाइल लॉज़ क्या होते हैं?
प्रियांशी अग्रवाल: आजकल हम देख रहे हैं कि जुवेनाइल केस बढ़ते जा रहे हैं, जैसे कि उसमें से ड्रिंक एंड ड्राइव के केस। ड्रिंकिंग और ड्राइविंग कानून के तहत नाबालिगों के लिए अवैध है। शराब के जो कानून हैं, वे हर प्रदेश में अलग-अलग हैं। यूपी में अगर आप 21 साल के हैं, तभी आप मदिरा का सेवन कर सकते हैं।
गाँव कनेक्शन: ड्राइविंग से जुड़े क्या कानून होते हैं?
प्रियांशी अग्रवाल: कोई भी वाहन अगर 50 सीसी से कम का है और उसे कोई नाबालिग चला रहा है, तो उसे अपने लिए एक लर्नर लाइसेंस लेना पड़ेगा। पर बड़े वाहन को चलाने के लिए आपको 18 साल का होना पड़ेगा, साथ ही ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आपको एक टेस्ट देना होगा और एक फिजिकल टेस्ट भी होता है।
मोटर व्हीकल एक्ट 2019 में उल्लेख किया गया है कि ड्रिंक एंड ड्राइविंग सबके लिए, बल्कि नाबालिगों या किसी के लिए भी निषिद्ध है। शराब का सेवन करने के बाद आपका मानसिक संतुलन सही नहीं होता, जिससे आप न केवल खुद को हानि पहुंचाते हैं, बल्कि दूसरों की जान को भी जोखिम में डालते हैं।
मोटर व्हीकल एक्ट के मुताबिक अगर कोई ड्रिंक एंड ड्राइव में पकड़ा जाता है तो उसे ₹10,000 का जुर्माना भरना पड़ेगा और 6 महीने की जेल हो सकती है। अगर आप दूसरी बार पकड़े जाते हैं, तो दो साल तक की जेल और ₹15,000 का जुर्माना भरना पड़ेगा।
गाँव कनेक्शन: पुलिस कैसे जांच करती है कि आपने शराब पी है या नहीं?
प्रियांशी अग्रवाल: पुलिस के पास एक ब्रेथलाइज़र होता है, जिससे यह पता लगाया जाता है कि आपके शरीर में कितनी शराब है। अगर आपके शरीर में 30 मिलीग्राम से ज्यादा शराब पाई जाती है तो आप गाड़ी नहीं चला सकते, यह कानून के खिलाफ है।
गाँव कनेक्शन: नाबालिगों के लिए क्या कानून हैं?
प्रियांशी अग्रवाल: नाबालिग बड़ी गाड़ी चला ही नहीं सकते, और अगर उन्होंने शराब पीकर गाड़ी चलाई, तो भारतीय न्याय संहिता के तहत उन्हें 7 साल की जेल हो सकती है। जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के सेक्शन 16 के तहत ऐसे मामलों को जघन्य अपराध माना जाता है। बच्चे कभी-कभी दोस्तों के दबाव में आकर शराब पी लेते हैं और उन्हें यह भी नहीं पता होता कि उन्हें गाड़ी नहीं चलानी चाहिए, ऐसे में एक्सीडेंट हो जाते हैं।
इसलिए बच्चों के साथ-साथ माता-पिता भी जिम्मेदार होते हैं। ऐसे हादसों से आम जनता को भी परेशानी होती है और यह भारतीय दंड संहिता की धारा 270 के तहत सार्वजनिक उपद्रव के दायरे में आता है।
गाँव कनेक्शन: सार्वजनिक उपद्रव क्या है?
प्रियांशी अग्रवाल: हमारे किसी भी काम से अगर अन्य लोगों को नुकसान होता है और उनके आस-पास की सुरक्षा को खतरा होता है, तो उसे सार्वजनिक उपद्रव कहा जाता है। इसमें आपके साथ गाड़ी में बैठे लोगों की जान को भी खतरा होता है।
गाँव कनेक्शन: क्या यह सिर्फ बच्चों की गलती होती है या अभिभावकों की भी?
प्रियांशी अग्रवाल: बच्चे बिना पेरेंट्स की अनुमति के कुछ नहीं कर सकते, तो इसमें पेरेंट्स की भी गलती होती है।
गाँव कनेक्शन: क्या बार या रेस्टोरेंट में नाबालिगों का जाना अलाउड है?
प्रियांशी अग्रवाल: नाबालिगों को ऐसे बार या रेस्टोरेंट में नहीं जाना चाहिए। वहां का माहौल ही अलग होता है, इसलिए उन्हें अलाउ नहीं करना चाहिए।
बार में शराब देने से पहले आईडी मांगनी चाहिए।
जिस गाड़ी से एक्सीडेंट हुआ होगा, उसका रजिस्ट्रेशन 1 साल के लिए रद्द कर दिया जाता है। और जो बच्चा चला रहा होगा उसे 25 साल तक ड्राइविंग लाइसेंस नहीं मिलेगा।