साधिका तिवारी
मलिहाबाद का सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अच्छे काम के लिए दो बार हुआ पुरस्कृत
मलिहाबाद (लखनऊ)। जहां एक तरफ उत्तर प्रदेश के ज़्यादातर सरकारी अस्पताल अपनी खराब छवि के लिए अक्सर अ$खबारों की सुर्खियों में आते रहते हैं, वहीं दूसरी तरफ मलिहाबाद का सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की स्थिति एकदम विपरीत है।
यह अस्पताल लखनऊ जि़ले के मलिहाबाद ब्लॉक में स्थिति है। इस अस्पताल में आस-पास के करीब 70 किलोमीटर से लोग इलाज कराने आते हैं। इस अस्पताल को मुख्यमंत्री से अच्छे काम के लिए दो बार पुरस्कृत किया जा चुका है। यह सीएचसी उन सरकारी अस्पतालों के लिए एक मिसाल है, जिन अस्पतालों में लोग इलाज कराने से कतराते रहते हैं। अपनी बहू के प्रसव के लिए करीब 40 किमी दूर अमानीगंज से आस्पताल आई किस्मतून (50 वर्ष) बताती हैं, ”यहां पर इलाज अच्छा होता है। सारी सुविधाएं भी हैं इसलिए मैं अपनी बहू को यहां ले कर आयी हूं।” वो आगे बताती हैं, ”मेरे घर के पास वाले अस्पताल में इलाज अच्छा नहीं होता है।” किस्मतून की बहू ने बेटे को जन्म दिया है।
एनएसएसओ से जारी ताजा सर्वेक्षण में पाया गया की भारत में कुल 42 प्रतिशत लोग ही अपना इलाज सरकारी अस्पताल में करवाते हैं, जबकि बाकी 58 प्रतिशत लोग प्राइवेट अस्पतालों में ही इलाज करवाना पसंद करते हैं।
मलिहाबाद स्वस्थ्य केन्द्र के वरिष्ठï अधीक्षक डॉ. राजेश कुमार कहते हैं, ”हम लोग स्वप्रेरित है। सभी डॉ. पूरी मेहनत और ईमानदारी से काम करते हैं, मरीज की समस्याओं को अच्छे से समझते हैं और डॉ. मरीजों को पूरा समय देते हैं, जिससे हम उनकी अच्छे से देखभाल कर पाते हैं। इसलिए दूर-दूर से मरीज यहां पर आते हैं।”
इस अस्पताल में करीब नौ स्थायी चिकित्सक के साथ 40 लोगों का स्टाफ है। यहां हर तरह की सुविधाएं जैसे- एक्स-रे, अल्ट्रासाउण्ड, ईसीजी, बड़े ऑपरेशन के उपकरण इत्यादि भी उपलब्ध हैं। यहां वातानुकूलित कमरे पंखे, करीब तीस मरीजों को एक साथ भर्ती करने की व्यवस्था है। इस अस्पताल में राष्टï्रीय स्वस्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत भी मरीजों का इलाज कराया जाता है।
इस अस्पताल में सालाना करीब 1,50,000 लोग इलाज कराते हैं, जबकि अन्य सीएचसी में 65,000-70,000 लोग इलाज कराते हैं। यहां पर मरीजों को बेड मिलने की दर 220 प्रतिशत है, जो प्रदेश के अन्य सरकारी आपतालों से 80 प्रतिशत अधिक है। यहां साल में करीब 850 बड़े ऑपरेशन किये जाते हैं। मलिहाबाद के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार।
मोहनलालगंज तहसील के सदरपुर की खुर्शीद बानों कहती हैं कि यहां पर हम लोगों को समय पर खाना दिया जाता है और साफ-सफाई भी रहती है। अस्पताल में कम से कम छह डॉक्टर हमेशा ही रहते हैं। मरीजों को समय पर पौष्टिक खाना दिया जात है और मरीजों की सुविधा का पूरा खयाल रखा जाता है।