ट्रैफिक चालान के नाम पर फोन पर एक लिंक आता है और ई चालान भरने के लिए जैसे ही उसपर क्लिक करते हैं अकाउंट हैक, और सारा पैसा साफ़।
जी हां, ई चालान का ये नया घोटाला है जो भुगतान के नाम पर लोगों का अकाउंट हैक कर लेता है। अगर ऐसा कोई लिंक आपके पास भी आता है तो बिल्कुल उसपर क्लिक न करें। फर्जी और असली लिंक को कैसे पहचाने हम आपको यहाँ बता रहे हैं। लेकिन अक्सर फोन पर आये मैसेज इतने सही लगते हैं कि ज़्यादातर लोग धोखा खा जाते हैं।
आपके पास जो मैसेज आएगा उसमें चालान नम्बर, चालान की रकम और उसे ऑनलाइन जमा करने का लिंक हो सकता है। यही नहीं, मैसेज बिल्कुल सही लगे इसके लिए उसमें इस बात का भी जिक्र होता है कि आप चाहे तो अपने करीब के आरटीओ दफ्तर से भी संपर्क कर सकते हैं। मैसेज के नीचे आरटीओ लिखा होता है।
All motoring public are requested to be alert from fake link regarding #echallan payment
Showing below the difference between original and fake link 👇🏻👇🏻 pic.twitter.com/8YRPEPc5by— Gujarat RTO Officer’s Association (@GMVDTOA) August 29, 2023
कैसे पहचाने मैसेज असली है या नकली?
असली ई चालान से जुड़ा लिंक ये है – https://echallan.parivahan.gov.in /
नकली ई चालान से जुड़ा लिंक है – https://echallan.parivahan.in /
इंटरनेट और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी से जहाँ सुविधाएँ बढ़ी हैं वहीँ इससे ख़तरे भी बढे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक एक साल में ही इसके आंकड़े कुछ हज़ार से बढ़कर दस लाख से भी ज़्यादा हो गये हैं। हालाँकि इनमें वही लोग शामिल हैं, जिन्होंने अपने साथ होने वाले किसी तरह से साइबर अपराध की शिकायत दर्ज कराई है। ऐसे में यह संख्या और भी अधिक हो सकती है।
कहाँ करें शिकायत
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ऑनलाइन ठगी या साइबर क्राइम रोकने के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। इस नंबर पर कॉल करके आप शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। धोखाधड़ी की शिकायत आप नेशनल हेल्पलाइन नंबर 155260 पर दर्ज करवा सकते हैं। आपके साथ कोई ऑनलाइन धोखाधड़ी होती है, तुरंत इस नंबर पर कॉल करे। उसके बाद आप मंत्रालय की साइबर पोर्टल https://cybervolunteer.mha.gov.in/webform/Volunteer_AuthoLogin.aspx पर भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।