लखनऊ। आज की आधुनिक खेती के युग में बैलों से खेती करने का चलन लगभग खत्म हो गया है, नये-नये कृषि यंत्र आ रहे हैं और इन यंत्रों को बढ़ावा देने के लिए सरकार भी इन पर भारी छूट दे रही है।
अगर कोई किसान ट्रैक्टर या पावर टिलर खरीदना चाहता है तो सरकार उसपर भारी छूट दे रही है, किसान जिसका फायदा ले सकते हैं।
उत्तर प्रदेश कृषि विभाग के उप कृषि निदेशक डीपी सिंह बताते हैं, ” उद्यान विभाग की तरफ से किसानों को ट्रैक्टर (20 हार्सपावर से कम के ट्रैक्टर), 8 हार्सपावर से कम के पावर टिलर और 8 हार्सपावर से बड़े पावर टिलर पर सरकार अनुदान दे रही है।”
ये भी पढ़ें : घरेलू सिलेंडर पर 50 लाख तक का होता है बीमा, ऐसे जानिये सिलेंडर की एक्सपायरी डेट
उन्होंने बचाया, ” ट्रैक्टर पर सरकार 75 हज़ार रुपए सब्सिडी देती है, जिस ट्रैक्टर की कीमत करीब 3 लाख होती है, जबकि SC और ST कटैगरी में आने वाले किसानों को सरकार एक लाख रुपए की सब्सिडी देती है।”
इसके अलावा सरकार दो तरीके के पावर टिलर पर अनुदान देती है। पहला 8 हार्स पावर से कम के पावर टिलर पर और 8 हार्स पावर से अधिक के पावर टिलर पर।
ये भी पढ़ें : घर बैठे करें वृद्धा पेंशन योजना के लिए आवेदन
डीपी सिंह ने बताया कि 8 हार्सपावर से कम के पावर टिलर जिसकी कीमत एक लाख रुपए होती है, उस पर सरकार 40 प्रतिशत (40000 रुपए) सब्सिडी देती है और जो किसान SC या ST कटैगरी में आते हैं उनको सरकार 50 प्रतिशत (50000 रुपए) अनुदान देती है।
ये भी पढ़ें : यूरिया और डीएपी असली है या नकली ? ये टिप्स आजमाकर तुरंत पहचान सकते हैं किसान
उन्होंने बताया कि 8 हार्सपावर से अधिक के पावर टिलर, जिसकी कीमत डेढ़ लाख रुपए होती है, उस पर सरकार 60 हज़ार रुपए सब्सिडी देती है और SC या ST कटैगरी के किसानों को सरकार 75000 रुपए अनुदान देती है।
कौन ले सकता है इसका लाभ ?
- किसी भी श्रेणी के किसान ट्रेक्टर का खरीद कर सकते हैं।
- केवल वे ही किसान पात्र होगे जिन्होने बीते 7 वर्षो में ट्रेक्टर या पावरटिलर खरीद पर विभाग की किसी भी योजना के अंतर्गत अनुदान का लाभ प्राप्त नही किया है।
- ट्रेक्टर एवं पावरटिलर में से किसी एक पर ही अनुदान का लाभ प्राप्त किया जा सकेगा।
ये भी पढ़ें : मप्र : बैलगाड़ी खरीदने पर सरकार दे रही 50 फीसदी अनुदान
कैसे मिलेगा इसका लाभ ?
किसान को इसका लाभ लेने के लिए सबसे पहसे कृषि विभाग उत्तर प्रदेश की वेबसाइट http://www.upagriculture.com/ पर रजिष्ट्रेशन करना होता है उसके बाद जिला उद्यान अधिकारी के पास सब्सिडी के लिए एप्लीकेशन देना होता है। जिसके साथ में ये प्रूफ देना होता है कि जो यंत्र आप खरीदने जा रहे हैं उसके लिए आपके पास पैसे उपलब्द हैं, क्योंकि सब्सिडी की राशि यंत्र खरीद लेने के बाद किसान को मिलती है, पहले किसान को पूरा पैसे का भुगतान करना होता है।
ये भी पढ़ें : पौधे खुद बताते हैं कि उनको कब क्या चाहिए, जानिए कैसे ?
ये दस्तावेज हैं जरूरी
पंजीकरण के लिए किसान को बैंक खाते की पास बुक की फोटो कापी व आधार कार्ड की कॉपी लाना जरूरी है। यंत्र के मिलने के बाद अनुदान किसान के बैंक खाते में पहुंच जाता है। सब्सिडी के लिए आवेदन करने के लिए एक 10 रुपए का स्टांप सपथ पत्र के रूप में लगाना होता है।