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किसान ऐसे प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का ले सकते हैं लाभ, पानी की बचत के साथ होगा अधिक उत्पादन

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भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना चलाई जा रही है। योजना के तहत सिंचाई के उन उपकरणों और योजनाओं पर सरकार भारी सब्सिडी दे रही है, जिनमें पानी, खर्च और मेहनत सबकी बचत होती है।

योजना के अन्तर्गत ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली को प्रभावी ढंग से विभिन्न फसलों में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस सिंचाई पद्धति को अपनाकर 40-50 प्रतिशत पानी की बचत के साथ ही 35-40 प्रतिशत उत्पादन में वृद्धि और उपज के गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है।

ड्रिप सिंचाई

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भारत सरकार के ऑपरेशनल गाईडलाइन्स 2017 के अनुसार बागवानी, कृषि एवं गन्ना फसल में अधिक दूरी एवं कम दूरी वाली फसलों के 14 विभिन्न लेटरेल स्पेसिंग के आधार पर उपयुक्त फसलों में ड्रिप सिंचाई पद्धति को लगाकर उन्नतिशील उत्पादन एवं जल संचयन किया जा सकता है।

स्प्रिंकलर सिंचाई

मटर, गाजर, मूली , विभिन्न प्रकार की पत्तेदार सब्जियां, दलहनी फसलें, तिलहनी फसलें, अन्य कृषि फसलें, औषधीय एवं सगंध फसलों में मिनी स्प्रिंकलर, माइक्रो स्प्रिंकलर, सेमी परमानेन्ट, पोर्टेबल एवं लार्ज वैक्यूम स्प्रिंकलर (रेनगन) द्वारा सरलता से सिंचाई प्रबन्धन किया जा सकता है।

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लाभार्थी किसानों को दिया जाएगा प्रशिक्षण

योजनान्तर्गत लाभार्थी कृषकों के 2 दिवसीय प्रशिक्षण, प्रदेश से बाहर कृषक भ्रमण एवं मण्डल स्तर पर कार्यशाला / गोष्ठी का आयोजन करके इसके बारे में लाभार्थी किसानों को तकनिकी जानकारी दी जाएगी।

कौन होगा इस योजना के लिए पात्र ?

  • योजना का लाभ सभी वर्ग के किसानों को दिया जा रहा है।
  • योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए किसान के पास खुद की खेती एवं जल स्रोत उपलब्ध हों।
  • योजना का लाभ सहकारी समिति के सदस्यों, सेल्फ हेल्प ग्रुप, इनकार्पोरेटेड कम्पनीज, पंचायती राज संस्थाओं, गैर सहकारी संस्थाओं, ट्रस्ट्स, उत्पादक कृषकों के समूह के सदस्यों को भी दिया जा रहा है।
  • ऐसे लाभार्थियों/संस्थाओं को भी योजना का लाभ मिल रहा है जो संविदा खेती (कान्टै्क्ट फार्मिंग) अथवा न्यूनतम 07 वर्ष के लीज ( एग्रीमेन्ट) की जमीन पर बागवानी/खेती करते हैं।
  • एक लाभार्थी कृषक/संस्था को उसी भू-भाग पर दूसरी बार 7 वर्ष के बाद ही योजना का लाभ ले सकता है।
  • लाभार्थी किसान अनुदान के अतिरिक्त अवशेष धनराशि स्वयं के स्रोत से अथवा ऋण प्राप्त करके अदा करने के लिए सक्षम हों।

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पंजीकरण कैसे करायें

इच्छुक लाभार्थी किसान किसान पारदर्शी येजना के पोर्टल http://upagriculture.com/pm_sichai_yojna.html पर अपना पंजीकरण कराकर योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

पंजीकरण के लिए किसान के पहचान के लिए आधार कार्ड, भूमि की पहचान के लिए खतौनी और अनुदान की धनराशि के ट्रान्सफर के लिए बैंक पासबुक के प्रथम पृष्ठ की छाया प्रति अनिवार्य है।

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निर्माता फर्मों का चयन

प्रदेश में ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली स्थापित करने वाली पंजीकृत निर्माता फर्मां में से किसी भी फर्म से किसान अपनी इच्छानुसार आपूर्ति/स्थापना का कार्य कराने के लिए स्वतंत्र हैं।

निर्माता फर्मों अथवा उनके अधीकृत डीलर/डिस्ट्रीब्यूटर द्वारा बीआईएस मानकों के अनुरूप विभिन्न घटकों की आपूर्ति करना अनिवार्य होगा और न्यूनतम 3 वर्ष तक फ्री ऑफ्टर सेल्स सर्विस की सुविधा की व्यवस्था तय की जायेगी।

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