उन्नत बीज, आधुनिक उपकरण, जैसे बहुत सारी उपयोगी जानकारियों के लिए किसान मेले का इंतजार करते हैं, लेकिन पिछले एक साल में कोविड की वजह से बहुत सारे मेलों का आयोजन ऑनलाइन किया गया, लेकिन एक बार फिर मेले का आयोजन किया जा रहा है, जहां पर किसान आधुनिक जानकारी के साथ ही जायद और खरीफ के उन्नत बीज भी खरीद सकते हैं।
पंतनगर में लग रहा चार दिवसीय कृषि मेला
उत्तराखंड के गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, पंतनगर के किसान मेला ‘कृषि कुंभ’ के नाम से जाना जाता हैं, यहां पर कई राज्यों के किसान शामिल होते हैं। विश्वविद्यालय में 109वां ‘अखिल भारतीय किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी’ का ओयाजन 22 मार्च से 25 मार्च, 2021 तक किया जा रहा है।
किसान मेला में जायद और खरीफ की प्रमुख फसलों की अधिक उपज देने वाली प्रजातियों के बीज की बिक्री की जाएगी। साथ ही फल, सब्जी, वानिकी, औषधीय और फूलों के पौधों की बिक्री भी की जाएगी।
गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. अनिल कुमार शर्मा बताते हैं, “लगभग एक साल के बाद मेले का आयोजन किया जा रहा है, अक्टूबर में कोविड के कारण ऑनलाइन मेले का आयोजन किया था। लेकिन इस बार भी सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जाएगा। हर बार सुबह छह बजे से देर रात तक मेला चलता रहता था, लेकिन इस बार सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक ही मेला चलेगा। इस बार किसानों की रुकने की व्यवस्था भी नहीं की गई है।”
वो आगे कहते हैं, “मेले में पहले तीन दिन सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक कृषि संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए कृषि सेवा चलायी जाएगी। इसमें किसान विशेषज्ञों से सलाह ले सकते हैं।”
मेले के मुख्य कार्यक्रम
22-23 मार्च फल-फूल, शाक-भाजी की प्रदर्शनी और प्रतियोगिता
23 मार्च, दो बजे संकर बछियों की नीलामी, शैक्षणिक डेयरी फार्म, नगला तीन बजे
23 मार्च, तीन बजे मत्स्य उत्पादन प्रदर्शनी व प्रतियोगिता
24 मार्च, सुबह दस बजे, पशुचिकित्सा महाविद्यालय में पशु प्रदर्शनी व प्रतियोगिता (गाय-भैंस),
22-24 मार्च, मेले में सुबह दस बजे से शाम पांच बजे कृषि क्लीनिक
25 मार्च, तीन बजे गांधी हाल में पुस्कार वितरण और मेले का समापन
जम्मू में लग रहा पांच दिवसीय किसान मेला
शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, जम्मू में इस बार किसान मेला सिर्फ दो दिनों तक ही नहीं लगेगा, इस बार 16 मार्च से 20 मार्च तक पांच दिवसीय मेला लगाया जा रहा है। मेले में हर एक दिन अलग-अलग कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के प्रमुख वैज्ञानिक (कृषि प्रसार) डॉ. राकेश शर्मा बताते हैं, “कोविड के चलते इस बार पांच दिनों के लिए मेला लगाया जा रहा है, जबकि पहले दो दिनों का ही मेला लगता था। पांच दिनों के मेले की वजह से भीड़ कम होगी और हर दिन अलग-अलग कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा। जम्मू-कश्मीर के साथ ही पंजाब, हरियाणा तक किसान मेले में आते हैं, कोशिश रहेगी की भीड़ कम से कम रहे।”
‘स्वावलंबी कृषि-आत्मनिर्भर भारत’ थीम पर मेले का आयोजन किया जा रहा है, मेले के प्रसारण लाइव भी किया जाएगा, जिससे जो किसान मेले में न पहुंच पाए तो प्रसारण के माध्यम से उन तक सारी जानकारियां पहुंच जाएं।
मेले में इस बार विश्वविद्यालय द्वारा विकसित बासमती की तीन नई किस्मों, जम्मू बासमती-143, जम्मू बासमती-118 और जम्मू बासमती-123 की भी बिक्री की जाएगी। ये किस्में पुरानी किस्मों के मुकाबले अच्छा उत्पादन देती हैं।
मेले के मुख्य कार्यक्रम
मेले में कृषि की नई आधुनिक तकनीक का प्रदर्शन
किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए किसान गोष्ठी
उन्नत बीज और पौधों की बिक्री
नई किस्मों की प्रदर्शनी
सब्जी और फल प्रदर्शनी और प्रतियोगिता
पशु प्रदर्शनी और प्रतियोगिता
प्रगतिशील किसानों द्वारा विकसित तकनीक का प्रदर्शन
ग्रामीण खेलों की प्रतियोगिता