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बाढ़ के दौरान रहें सतर्क, बीमारियों से बचने के लिए अपनाए ये उपाय

Nepal

लखनऊ। नेपाल में लगातार हो रही बारिश की वजह से बिहार में बाढ़ की स्थिति भयावह बनी हुई है। सबसे गंभीर स्थिति किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, सुपौल, मधेपुरा, कटिहार, पूर्वी व पश्चिमी चंपारण, मधुबनी, सीतामढ़ी की है।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में कॉलरा, टायफाइड और दस्त जैसी महामारी के फैलने का ख़तरा बढ़ जाता है। क्योंकि बाढ़ के उतरने के बाद गाँवों में जलस्रेतों मसलन कुआं, तालाब आदि का पानी प्रदूषित हो जाता है और मच्छरों की संख्या भारी मात्रा में बढ़ जाती है। ऐसे में बाढ़ पीड़ित क्षेत्र में रहने वाले लोगों को न सिर्फ बाढ़ से बचना होगा बल्किब बाढ़ की वजह से फैलने वाली बीमारियों से भी सावधान रहना होगा।

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बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के जनरल फिजिशियन डॉ. विनोद गुप्ता (एमबीबीएस) ने फोन पर बताया, ”बाढ़ के बाद कॉलरा, टायफाइड और दस्त जैसी बीमारियां जरूर होती हैं, क्योंकि बाढ़ के कारण मच्छरों और कॉकरोच की संख्या बढ़ जाती है और पीने का पानी प्रदूशित हो जाता है।”

उन्होंने बताया, ”मनुष्य में होने वाली अधिकांश बीमारियां पानी के जरिए ही होती हैं। इससे बचने के लिए बाढ़ पीड़ित श्रेत्र के लोगों को ताज़ा गर्म खाना खाना चाहिए रखा हुआ खाना बिल्कुल नहीं खाना चाहिए और ग्रामीणों के पास पानी को साफ करने के लिए आरओ तो होता नहीं है, इस लिए पानी उबाल कर पीना चाहिए। इसके अलावा छोटी मछलिया न खाएं।”

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बिहार में यूं तो हर बार बाढ़ आती है लेकिन वर्ष 2008 में आई बाढ़ के बाद हुए कॉलरे के प्रकोप को याद करके आज भी लोग सिहर जाते हैं। वर्ष 2008 में बिहार को बड़े पैमाने पर कॉलरा महामारी का सामना करना पड़ा था, जब बाढ़ में 50 वर्षों में सबसे बुरी तरह बाढ़ आ थी। नव निर्मित विस्थापित व्यक्तियों के शिविरों में हजारों लोगों ने शरण ली थी।

डॉ. विनोद गुप्ता ने बताया, ”बाढ़ के बाद स्किन इन्फेक्शन भी जरूर होता है इस लिए लोगों को चाहिए कि वो साफ सफाई का ध्यान रखें, गंदे पानी से दूर रहें। नीम की पत्तियों का पानी में डाल कर उबाल लें और उसके बाद पत्तियों को हटा दें और उस पानी से नहाएं और कपड़े धोएं, जिससे इस बीमारी से बचा जा सकता है।”

बिहार के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि पानी में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना सरकार की प्राथमिकता है, उनको खाना और स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराना। साथ ही जो लोग घर छोड़ गये हैं उनकी संपत्ति की सुरक्षा करना। एयरफोर्स के हेलीकाप्टरों से भी बचाव कार्य किया जा रहा है।

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