लखनऊ। फिरौती के लिए अपहरण एक गंभीर अपराध हो गया है और दुर्भाग्य से इसको शातिर अपराधियों के साथ-साथ युवा वर्ग भी रातोंरात धनी बन जाने की लालसा में करने लगा है। बहुत से ऐसे मामले प्रकाश में आए हैं, जहां पड़ोसी के लड़के व दोस्त ने अपहरण की योजना बनाई हो। इसके लिए अभिवावकों, बच्चों व स्कूलों के पदाधिकारियों को सतर्क रहते हुए निम्न सुरक्षा नियमों का पालन करना जरूरी है।
- बच्चों को यथासंभव स्कूल बस से भेजें। अगर बच्चे टैक्सी/ निजी कार/ रिक्शा आदि से जाते हैं तो उनके ड्राइवरों की विश्वसनीयता को क्षेत्रीय पुलिस से जांच जरूर करा लें।
- बच्चों को सुरक्षा संबंधी जानकारी के लिए प्रोत्साहित करें, किसी भी असामान्य घटना की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।
- बच्चों को जरूरी एवं आपातकालीन टेलीफोन नं (100 पुलिस के लिए) व घर/स्कूल के नंबर याद करवाएं।
- स्कूल के अधिकारी बच्चों को स्कूल गेट पर सुरक्षित छोड़े जाने व ले जाना सुनिश्चित कराने के लिए जिम्मेदार व्यक्ति/ अध्यापक नियुक्त किया करें।
- ड्यूटी पर तैनात व्यक्ति/अध्यापक को प्रत्येक बच्चों के माता- पिता अनुरक्षक की पहचान कर ही बच्चों को सौंपने का प्रयास करना चाहिए।
- स्कूल में आने वाले प्रत्येक माता-पिता/अनुरक्षक के लिए स्कूल पहचान पत्र या प्रवेश पत्र जारी करना चाहिए।
- बच्चों को स्कूल समय के दौरान बाहर जाने की अनुमति नहीं देनी चाहिए व स्कूल समय से पूर्व बच्चों को अचानक लेने जाने के लिए संदेश/सूचना की अच्छी तरह पुष्टि कर लेनी चाहिए।
- बच्चों को निर्धारित बसों एवं स्टॉप से ही भेजा जाना चाहिए और जहां तक हो सके उन्हें समूहों में ही रहना चाहिए।
- बच्चों को जिन वाहनों पर शंका हो, नजर रखनी चाहिए और उनका नम्बर भी नोट कर लेना चाहिए।