घोड़ों में पेट का दर्द खतरनाक है क्योंकि यह गाय, भैंस की तरह जुगाली नहीं करते हैं इसलिए समय पर उपचार से पशु को बचाया जा सकता है।
वजह
- सूखा भूसा खिलाना।
- पैने और खराब दांत।
- अचानक चारा बदलना।
- अधिक बरसीम खिलाना।
- पेट में कीड़े/जून होना।
- कम और गंदा पानी पिलाना।
- समय-समय पर पानी न पिलाना।
- प्लास्टिक की थैली या रस्सी खाना।
- सड़ा हुआ दाना व चारा (फफूंद लगा हुआ) खिलाना।
- जरूरत से ज्यादा दाना/कुट्टी एक ही समय पर देना।
लक्षण
- पेट फूलना।
- पेट में पैर मारना।
- पैर से मिट्टी खोदना।
- लोट-पोट करना।
- बेचैन होना।
- ज्यादा पसीना आना।
- बार-बार पेट की तरफ देखना।
सुझाव
- दाने-चारे में अचानक परिवर्तन नहीं करना चाहिए।
- भूसा धोकर दें।
- चारा साफ करके और घास झाड़कर दें।
- थोड़ा-थोड़ा दाना-चारा कई बार में दें।
- समय-समय पर साफ पानी पिलाएं।
- हरा चारा भूसे के साथ मिलाकर दें।
- जानवर को प्लास्टिक व स खाने से बचाएं।
संकलन : दिति बाजपेई