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अगर अपने दिल को मज़बूत रखना चाहते हैं तो इन गलतियों से बचें!

अक्सर लोग सोचते हैं कि हार्ट अटैक बढ़ती उम्र की बीमारी है, लेकिन आज की जीवनशैली और खानपान का असर आगे चलकर दिखता है। नमस्ते डॉक्टर कार्यक्रम में डॉ मृदुल मेहरोत्रा से समझते हैं कि कैसे रखें अपने दिल का ख़्याल और समझते हैं अपने हार्ट को।

भारत में हार्ट अटैक के मामले बीते कुछ सालों में तेजी से बढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार, वर्ष 2022 में हार्ट अटैक के मामलों में 12.5% की वृद्धि हुई है। जहाँ 2021 में 8413 लोगों ने दिल का दौरा पड़ने से अपनी जान गंवाई, वहीं 2022 में यह आंकड़ा बढ़कर 93245 पहुंच गया। चलिए जानते हैं कैसे इससे बचा जा सकता है।

गाँव कनेक्शन: दिल को आराम कैसे दें?

डॉ मृदुल मेहरोत्रा: जैसे हम अपनी गाड़ी की सर्विस कराते हैं, वैसे ही अगर हम अपनी बॉडी की सर्विस कराएं तो सडेन कार्डियक अरेस्ट जैसी समस्याएँ टल सकती हैं। हार्ट को रेस्ट के लिए सही चीजों की जरूरत होती है। जब हार्ट धड़कता है, तो उसमें लब-डब की आवाज होती है, और दोनों धड़कनों के बीच का इंटरवल हार्ट का रेस्ट है। अगर हार्ट को यह रेस्ट नहीं मिलता तो उसकी मसल्स पर जोर पड़ता है और मायोकार्डिटिस जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

गाँव कनेक्शन: हार्ट हेल्थ की निगरानी कैसे कर सकतें हैं?

डॉ मृदुल मेहरोत्रा: सिंपल ईसीजी से हमें हर छह महीने या साल में हार्ट की स्थिति का पता चल सकता है। ईसीजी कराने का मतलब हार्ट अटैक होना नहीं है, बल्कि यह स्क्रीनिंग है जिससे पता चलता है कि सब कुछ ठीक है या नहीं। हमारी आबादी में 40% लोगों को ब्लड प्रेशर की समस्या है, लेकिन उन्हें पता ही नहीं होता। छोटी-मोटी समस्याओं को लोग गैस या एलर्जी समझ लेते हैं, लेकिन यह हार्ट के संकेत हो सकते हैं।

कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स हार्ट में जमने वाले फैट्स हैं। लोग केवल कोलेस्ट्रॉल के बारे में जानते हैं, जबकि ट्राइग्लिसराइड्स ज्यादा हानिकारक होते हैं। लिपिड प्रोफाइल जैसी जांच से इनकी स्थिति का पता चलता है और अगर जम रहा है तो उसे कम किया जा सकता है।

ईसीजी में हार्ट रेट या अन्य फाइंडिंग्स आने पर उसे सही किया जा सकता है।महिलाओं में एनीमिया के कारण हार्ट रेट बढ़ जाती है, खासकर पीरियड्स के दौरान। ऐसे में उन्हें एक्सरसाइज करने से बचना चाहिए क्योंकि हार्ट पर जोर पड़ता है।

गाँव कनेक्शन: दिल को मजबूत करने के लिए कोई ख़ास कसरत होती है ?

डॉ मृदुल मेहरोत्रा: पॉलिटिशियन का जीवन लम्बा होता है क्योंकि वे बहुत चलते हैं, जिससे हार्ट की मस्कुलेरिटी मजबूत होती है। अंग्रेजों ने गोल्फ जैसा खेल भी निकाला, जिसमें चलना जरूरी होता है। वॉकिंग से हार्ट की वेसल्स ब्लॉक होने पर अन्य वेसल्स उसे संभाल लेती हैं। बॉडी बनाने के चक्कर में लोग बॉडी को नुकसान पहुंचा रहे हैं। गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने वाली चीजों में अखरोट, लहसुन और सीमित मात्रा में अल्कोहल शामिल हैं।

हालांकि, अल्कोहल पीने से पहले लिवर की स्थिति जांचना जरूरी है। 40% भारतीयों का लिवर कमजोर होता है और वे अल्कोहल नहीं पी सकते। अगर लिवर सही है, तो कभी-कभार सीमित मात्रा में स्कॉच या व्हिस्की एचडीएल कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा सकती है, लेकिन बियर से बचना चाहिए क्योंकि उसमें कोबाल्ट होता है जो हार्ट वेसल्स को नुकसान पहुंचाता है।

एलडीएल कोलेस्ट्रॉल सबसे खराब माना जाता है और इसे मैनेज करना जरूरी होता है, जबकि एचडीएल कोलेस्ट्रॉल (गुड कोलेस्ट्रॉल) को बढ़ाने के लिए लाइफस्टाइल सुधार की जरूरत होती है। वॉकिंग, अखरोट, लहसुन जैसी चीजों से गुड कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है।

गाँव कनेक्शन: हार्ट अटैक की स्थिति में मदद के लिए क्या करना चाहिए ?

डॉ मृदुल मेहरोत्रा: सबसे पहले मरीज के आसपास भीड़ हटाएं ताकि ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़े। उसके पैरों को ऊपर उठाएं ताकि ब्रेन तक ब्लड फ्लो पहुंच सके। ब्रेन को तीन मिनट तक ब्लड की जरूरत होती है, उसके बाद वह मरने लगता है। सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रेसिटेशन) दें, जिसमें एयरवे क्लियर करें, ब्रीदिंग दें और छाती को कसकर दबाएं। अगर मरीज कॉन्शियस हो जाए, तो पानी में एस्पिरिन घोलकर पिला सकते हैं, जिससे खून का बहाव सही हो जाता है और क्लॉट खुलने लगता है।

अपनी सेहत से जुड़ी ऐसी ही ढेर सारी जानिकारियों के लिए देखते और पढ़ते रहिए नमस्ते डॉक्टर

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