आपको भी मिल सकता है ये पुरस्कार, खेती किसानी में नया किया है तो भर दीजिए फॉर्म  

हिन्दुस्तान एग्रीकल्चरल रिसर्च सोसाइटी खेती किसानी के क्षेत्र में विशेष काम करने वाले लोगों को सम्मानित करेगी। करीब 60 पुरस्कारों के लिए आवेदन मांगे गए हैं। आवेदन की अंतिम तारीख़ 3 नवम्बर है।

कृषि और इससे जुड़े विज्ञान के क्षेत्र में शोध को बढ़ावा देने वालों और कुछ नया कर रहे लोगों को सम्मान देने की तैयारी हो रही हैं। जी हाँ, HARWS यानी हिन्दुस्तान एग्रीकल्चरल रिसर्च सोसाइटी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कार्यशाला और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के साथ इस साल कई लोगों को अलग -अलग पुरस्कारों से नवाज़ेगी। HARWS देश के कई केंद्रीय और राज्य कृषि संस्थानों के सहयोग से चलने वाली एग्रीकल्चरल रिसर्च सोसाइटी है।

क्या है आवेदन के लिए योग्यता? 

इसके लिए स्नातकोत्तर (PG) और पीएचडी धारक आवेदन कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए उन्हें कृषि या संबद्ध विज्ञान में किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से स्नातकोत्तर या डॉक्टर की पढ़ाई पूरी करनी चाहिए।

साथ ही कृषि के क्षेत्र में महत्वपूर्ण शोध योगदान या नवाचार किए होने चाहिए, जिनका व्यावहारिक अनुप्रयोग हो और जो किसान समुदाय के लिए लाभकारी हों।

इसके अलावा जो वैज्ञानिक और प्रोफेसर हैं वो भी पुरस्कार के लिए आवेदन कर सकते हैं।  उन्हें कृषि या संबद्ध क्षेत्रों में शैक्षणिक संस्थानों, अनुसंधान संगठनों, या उद्योग में शोध, शिक्षण या विकास गतिविधियों में सक्रिय रूप से संलग्न होना चाहिए।

उनके पास प्रभावशाली शोध, प्रकाशन, या नवाचारों का एक सिद्ध रिकॉर्ड होना चाहिए, जिसने कृषि प्रथाओं, प्रौद्योगिकी, या नीति में प्रगति में योगदान दिया हो।     

इसके लिए चुने गए उम्मीदवारों को पुरस्कार की डिजिटल और भौतिक दोनों प्रतियां, साथ ही एक स्मृति चिन्ह दिया जाएगा।  

पुरस्कार के लिए आवेदन करने से पहले रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी करना जरुरी है। आवेदन के लिए https://harws21.mojo.page/2nd-international–agriculture-conferenc पर क्लिक करना होगा।  

इस मौके पर हिन्दुस्तान एग्रीकल्चरल रिसर्च सोसाइटी की तरफ से ‘प्राकृतिक खेती में नवाचार: कृत्रिम बुद्धिमत्ता और ड्रोन के साथ मिट्टी की सेहत और बीज की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए हरित कृषि का भविष्य’ विषय पर सम्मेलन का आयोजन भी होगा। 3 से 5 नवंबर, 2024 को हाइब्रिड मोड (Zoom) के जरिए इसका आयोजन किया जाएगा।

इस सम्मेलन में कई देशों के प्रमुख शिक्षाविद, कृषि वैज्ञानिक, प्रोफ़ेसर और कृषि छात्र एक मंच पर जुटेंगे। जहाँ प्राकृतिक खेती में नवीनतम प्रगति पर चर्चा की जाएगी। इस सम्मेलन का मकसद कृत्रिम बुद्धिमत्ता के अनुप्रयोग, ड्रोन तकनीक, मिट्टी स्वास्थ्य प्रबंधन, बीज गुणवत्ता में सुधार, और सतत कृषि प्रथाओं जैसे प्रमुख क्षेत्रों में ज्ञान का आदान-प्रदान और सहयोग को बढ़ावा देना है। बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान संस्थान और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की तरफ से आयोजित इस सम्मेलन में किसानों के लिए आधुनिक तकनीक पर चर्चा भी होगी।  

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