जब हम होली के दौरान मौज-मस्ती करें, उस समय अपने आसपास के पशुओं के प्रति भी दयालु होना न भूलें। जिम्मेदारी से खेले जाने पर होली हर किसी के लिए खुशियों का पल होता है।
होली के शुभ अवसर पर, ह्यूमेन वर्ल्ड फॉर एनिमल्स इंडिया ने लोगों से अपील की है कि वे इस त्योहार को सुरक्षित और जानवरों के प्रति दयालुता के साथ मनाएं। संगठन ने होली में उपयोग होने वाले जहरीले रंगों के खतरों को उजागर किया है, जो इंसानों के साथ-साथ जानवरों के लिए भी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ पैदा कर सकते हैं।
ह्यूमेन वर्ल्ड फॉर एनिमल्स इंडिया में कंपैनियन एनिमल्स एंड एंगेजमेंट टीम की निदेशक, केरेन नज़ारेथ कहती हैं, “हर साल होली के दौरान कई मामले सामने आते हैं जब लोग सड़क पर घूमने वाले जानवरों पर रंग और पानी डालते हैं, जिससे उन्हें गंभीर तनाव, त्वचा की समस्याएँ, और विषाक्तता का सामना करना पड़ता है। इस होली, आइए हम सभी जीवों के प्रति दयालुता और सम्मान के साथ त्योहार मनाएँ और यह सुनिश्चित करें कि जानवरों को किसी प्रकार की तकलीफ न हो।”

विशेष रूप से, सड़क और समुदाय के जानवर त्यौहार की हलचल, तेज आवाज़ों और जहरीले रंगों से सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। नज़ारेथ कहती हैं, “इको-फ्रेंडली रंगों का उपयोग करके और जिम्मेदारी से होली मनाकर, हम इंसानों और जानवरों दोनों के लिए इस त्योहार को खुशी का अवसर बना सकते हैं।”
ह्यूमेन वर्ल्ड फॉर एनिमल्स इंडिया के पशुचिकित्सक निदेशक डॉ. पीयूष पटेल ने सुरक्षित और जानवरों के अनुकूल होली मनाने के कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए:
- जानवरों पर जहरीले रंग न लगाएं: सिंथेटिक रंगों से जानवरों की त्वचा में एलर्जी, अंधापन, और विषाक्तता हो सकती है। जानवर अपने शरीर को चाटकर रंगों को निगल सकते हैं, जो उनके लिए जानलेवा हो सकता है।
- सड़क के जानवरों को मिठाई न खिलाएं: पालतू या सड़क के जानवरों को मिठाई न दें, क्योंकि इससे उन्हें पाचन संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं।
- बच्चों को जिम्मेदारी सिखाएं: बच्चों को होली के दौरान जानवरों के प्रति संवेदनशीलता सिखाएं। उन्हें जानवरों पर रंग डालने से रोकें।
- सुरक्षित तरीके से रंग हटाएं: अगर किसी जानवर पर गलती से रंग लग जाए, तो हल्के शैम्पू से साफ करें। केरोसिन या स्पिरिट का उपयोग न करें।
- समुदाय में जागरूकता फैलाएं: अपने आस-पास के लोगों को भी जागरूक करें कि जानवरों को नुकसान पहुंचाए बिना होली कैसे मनाई जा सकती है।
- आपातकालीन संपर्क तैयार रखें: किसी जानवर के घायल या बीमार होने पर, स्थानीय पशु बचाव समूहों और पशु चिकित्सकों के संपर्क नंबर पास में रखें।
इस होली, छोटे-छोटे बदलाव करके हम न केवल जानवरों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं, बल्कि अपने चारों ओर दयालुता और सामंजस्य का संदेश भी फैला सकते हैं।