लखनऊ। फसल बीमा योजना में आवेदन के लिए सिर्फ 6 दिन बचे हैं। किसान 31 जुलाई तक फसल बीमा योजना के लिये आवेदन कर सकते हैं। किसान का एक सबसे बड़ा संकट है प्राकृतिक आपदा, जिसमें खेतों में की गई उसकी पूरी मेहनत बर्बाद हो जाती है। किसानों को फसल की सुरक्षा देने का एक ही उपाय है फसल बीमा योजना। लेकिन कई किसानों को इस बारे में जानकारी नहीं होती है जिस वजह से वो इसका लाभ नहीं ले पाते हैं। इस लिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि क्या है फसल बीमा योजना।
लखनऊ जिले के बख्शी का तालाब ब्लॉक के अमानीगंज की SBI साखा के मार्केटिंग रिकवरी ऑफीसर सुधीर कुमार ने बताया, ”जो भी किसान फसल बीमा योजना के लिए आवेदन करना चाहते हैं वो अपने नज़दी बैंक शाखा में जा कर आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए उन्हे अपनी ज़मीन से जुड़े कागज़ और अपना फोटो साथ में लाना होगा।”
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सुधीर ने बताया, ”अगर किसान एक हेक्टेयर खेता का बीमा करवाता है, तो उसका बीमा 24 से 45 हज़ार रुपए (फसर के अनुसार) का होता है। इसके लिए किसान को सिर्फ डेढ़ से दो हज़ार रुपए देने होते हैं। किसान को बैंक में जाकर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (pradhan mantra fasal bima yojana) का फॉर्म लेकर वहीं पर जमा करना होता है।
फॉर्म भरने के लिए क्या-क्या कागजात चाहिए ?
- आवेदक का एक फोटो
- किसान का आईडी कार्ड (पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट, आधार कार्ड)
- किसान का एड्रेस प्रूफ (ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट, आधार कार्ड)
- अगर खेत आपका खुद का है तो खेत का खसरा नंबर / खाता नंबर का पेपर जरूर साथ लें।
- खेत पर फसल बोई है, इसका प्रूफ। प्रूफ के तौर पर किसान पटवारी, सरपंच, प्रधान जैसे जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों से एक पत्र लिखवाकर जमा कर सकते हैं। हर राज्य में ये व्यवस्था अलग अलग है। नजदीकी बैंक जाकर इस बारे में ज्यादा जानकारी ले सकते हैं।
- अगर खेत बटाई या किराए पर लेकर फसल बोई गई है, तो खेत के असली मालिक के साथ करार की कॉपी की फोटोकॉपी साथ जरूर लें। इसमें खेत का खरसा नंबर / खाता नंबर जरूर साफ तौर पर लिखा होना चाहिए।
- अगर आप चाहते हैं कि फसल को नुकसान होने की स्थिति में पैसा सीधे आपके बैंक खाते में जाए, तो एक कैंसिल्ड चैक (Cancelled Cheque) भी लगाना जरूरी होगा।
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इस फसल बीमा योजना में शामिल किये गये मुख्य तथ्य इस तरह हैं –
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की भुगतान की जाने वाली प्रीमियम (किस्तों) दरों को किसानों की सुविधा के लिये बहुत कम रखा गया है ताकि सभी स्तर के किसान आसानी से फसल बीमा का लाभ ले सकें।
- इसके अन्तर्गत सभी प्रकार की फसलों (रबी, खरीफ, वाणिज्यिक और बागवानी की फसलें) को शामिल किया गया है। खरीफ (धान या चावल, मक्का, ज्वार, बाजरा, गन्ना आदि) की फसलों के लिये 2% प्रीमियम का भुगतान किया जायेगा। रबी (गेंहूँ, जौ, चना, मसूर, सरसों आदि) की फसल के लिये 1.5% प्रीमियम का भुगतान किया जायेगा। वार्षिक वाणिज्यिक और बागवानी फसलों बीमा के लिये 5% प्रीमियम का भुगतान किया जायेगा।
- योजना में सरकारी सब्सिडी पर कोई ऊपरी सीमा नहीं है। अर्थात बचा हुआ प्रीमियम 90 प्रतिशत होता है, तो ये सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
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- शेष प्रीमियम बीमा कंपनियों को सरकार द्वारा दिया जाएगा। ये राज्य तथा केंद्रीय सरकार में बराबर- बराबर बाँटा जाएगा।
- योजना की प्रीमियम दर बेहद कम रखी गई है ताकि किसान इसकी किस्तें आसानी से वहन कर सकें।
- योजना किसानों के हित के लिए मनोवैज्ञानिक रूप से भी काम करेगी।
- प्रधानमंत्री फसल योजना के अंतर्गत किसान सिर्फ मोबाइल के माध्यम से अपनी फसल के नुकसान के बारे में आंकलन कर सकता है।
- लेकिन ध्यान रहे कि मनुष्य द्वारा निर्मित आपदाओं जैसे आग लगना, चोरी होना, सेंध लगना आदि इस योजना में शामिल नहीं है।