पशुपालक महंगी कीमत पर पशुओं को खरीद लेते है पर आगे चलकर दूध उत्पादन का कम होना, पशु को पहले से कोई रोग होना जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इससे पशुपालक को आर्थिक नुकसान भी होता है। इस समस्या से बचने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। पशुपालकों को पशु की शारीरिक बनावट, स्तन प्रणाली, उम्र, सेहत, प्रजनन कूवत और वंशावली को ध्यान में रखकर ही खरीदना चाहिए।
दूध उत्पादन देखें
बाज़ार में दुधारू पशु की कीमत उस पशु के दूध देने के हिसाब से तय होती है, इसलिए उसे खरीदने से पहले दो-तीन दिनों तक उसे खुद दुह कर देखना चाहिए। दुहते समय दूध की धार सीधी गिरनी चाहिए और दुहने के बाद थनों को सिकुड़ जाना चाहिए।
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पशु के शरीर की बनावट
एक अच्छे दुधारू पशु का शरीर आगे से पतला और पीछे से चौड़ा होता है। उसके नथुने खुले हुए और जबड़े मजबूत होते हैं। उसकी आंखें उभरी हुई, पूंछ लम्बी और त्वचा चिकनी व पतली होती है। छाती का हिस्सा विकसित और पीठ चौड़ी होती है। दुधारू पशु की जांघ पतली होती है और गर्दन पतली होती है। उसके चारों थन एक समान लम्बे, मोटे और बराबर दूरी पर होते हैं।
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वंशावली
पशुओं की वंशावली का पता लगने से उन की नस्ल और दूध उत्पादन क्षमता की सही परख हो सकती है। हमारे देश में पशुओं की वंशावली का रिकार्ड रखने का चलन नहीं है, पर बढ़ियां डेरी फार्म से पशु खरीदने पर उस की वंशावली का पता चल सकता है।
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प्रजनन क्षमता
सही दुधारू गाय या भैंस वही होती है, जो हर साल एक बच्चा देती है। इसलिए पशु खरीदते समय उस का प्रजनन रिकार्ड जान लेना जरूरी है। प्रजनन रिकार्ड ठीक नहीं होने से पशुओं में कमजोरी, गर्भपात होना, स्वस्थ बच्चा नहीं जनना, प्रसव में दिक्कतें जैसी कई परेशानियां सामने आ सकती है।
उम्र
दूध का कारोबार करने के लिए दो-तीन दांत वाले कम आयु के पशु खरीदना काफी फायदेमंद होता है। पशुओं की उम्र का पता उन के दांतों की बनावट और संख्या को देखकर पता चल जाता है। दो साल की उम्र के पशु में ऊपर-नीचे मिला कर सामने के आठ स्थायी और आठ अस्थायी दांत होते हैं। पांच साल की उम्र में ऊपर और नीचे मिला कर 16 स्थायी और 16 अस्थायी दांत होते हैं। छह साल से ऊपर की आयु वाले पशु में 32 स्थायी और 20 अस्थायी दांत होते हैं।