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बैंक खाते से बार-बार पैसा कटने से परेशान हैं, तो ये तरीका अपनाइए

minimum balance

सोशल मीडिया पर भारतीय स्टेट बैंक द्वारा बचत खाता में न्यूनतम औसत बैलेंस न रखने पर काटे जा रहे प्रभार की बड़ी आलोचना की जा रही है। एक वृद्धा पेंशनर का उदाहरण दिया जा रहा है कि उसे प्रतिमाह 2000 रुपए पेंशन मिलता है और वह कैसे अपने खाते में 1000-2000 या 5000 रखे? इनकी तरह अनेकों खाताधारी हैं।

ऐसे लोगों को सलाह है कि वे अपने वर्तमान बचत बैंक खाते (सेविंग्स बैंक एकाउंट) को बेसिक सेविंग्स बैंक डिपाजिट एकाउंट में परिवर्तित करा लें। खाता नंबर वही रहेगा। शाखा में केवल उसका प्रोडक्ट कोड 1011-1701 कर दिया जायेगा। न्यूनतम बैलेंस की कोई बाध्यता नहीं रहेगी। निःशुल्क रू-पे एटीएम-सह-डेबिट कार्ड की सुविधा भी मिलेगी और खाते से अधिकतम 4 बार निकासी की जा सकेगी। आरबीआई के निर्देशानुसार ये सुविधा सभी बैंकों में उपलब्ध है।

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क्या है बेसिक सेविंग्स बैंक डिपाजिट एकाउंट

केंद्र सरकार व रिजर्व बैंक ने आम जनता के बीच बैंकिंग सेवा के विस्तार के लिए मूल बचत बैंक जमा खाता योजना (बेसिक सेविंग बैंक डिपॉजिट अकाउंट स्कीम) को कुछ साल पहले लांच किया था। गरीबों तक बैंकिंग सेवा पहुंचाने के लिए देश में जितने नो फ्रिल खाते खोले गए हैं, उन्हें मूल बचत बैंक खाता योजना के तहत रखा गया है।

इस स्कीम में ग्राहकों को न्यूनतम बैंकिंग सेवा देने की गारंटी दी जाती है। एक व्यक्ति को किसी भी बैंक में महज एक ही मूल बचत बैंक खाता खोलने की इजाजत है। वैसे तो कोई भी इस योजना के तहत अपना बैंक खाता खोल सकता है। अगर वह उस बैंक में कोई दूसरा खाता किसी अन्य सेवा वर्ग के तहत खोलता है तो 30 दिनों के भीतर पुराने खाते को बंद करना पड़ता है। इस खाते के तहत ग्राहक को एक लाख रुपये से ज्यादा का कर्ज नहीं दिया जा सकता।

खाते में एक बार में 50 हजार रुपए से ज्यादा की राशि जमा नहीं होनी चाहिए। एक माह में अधिकतम दस हजार रुपए ही इस खाते से किसी दूसरे में ट्रांसफर किए जा सकते हैं।

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ये है गाइडलाइन

  • 16 दिसंबर 2010 की भारत सरकार अधिसूचना में अधिसूचित प्रकार से बीएसबीडीए (बुनियादी बचत बैंक जमा खाता)-छोटा खाता निम्‍नलिखित शर्तों पर होंगे :
  • ऐसे खातों में कुल क्रेडिट एक वर्ष में एक लाख रुपए से अधिक न हो।
  • खातों में अधिकतम शेष किसी भी समय पचास हजार रुपए से अधिक नहीं होना चाहिए।
  • किसी महीने में नकद आहरणों और अंतरणों के रूप में कुल नामे (डेबिट) दस हजार रुपए से अधिक नहीं होना चाहिए।
  • सामान्‍य केवाइसी औपचारिकताएं पूरी किए बिना विदेशी प्रेषण (रेमिटेंस) छोटे खातों में जमा (क्रेडिट) नहीं किया जा सकेगा।
  • छोटे खाते प्रारंभ में 12 महीनों की अवधि के लिए वैध होते हैं जिन्‍हें यदि व्‍यक्ति आधिकारिक रूप से वैध प्रलेख के लिए आवेदन करने का प्रमाण प्रस्‍तुत करें तो और 12 महीनों के लिए बढ़ाया जा सकता है।
  • छोटे खाते बैंकों की केवल सीबीएस सहबद्ध शाखाओं में ही अथवा ऐसी शाखाओं में खोले जा सकते हैं जहां शर्तों को पूरा किए जाने की व्‍यक्ति द्वारा (मैन्‍युअली)निगरानी करना संभव है।

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ये योजना उन लोगों के लिए है जो जिनका लेनदेन कम है। ऐसे में वे पैसे कटने की समस्या से आसानी से बच सकते हैं। योजना लगभग सभी बैंकों में है।

डॉ अजित पांडेय, डायरेक्टर, रूरल सेल्फ इंप्लॉइमेंट ट्रेनिंग इंस्टीटयूट, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, झारखंड

ये सुविधाएं भी मिलेंगी

  • इस तरह के अकाउंट के लिए कोई भी न्यूनतम बैलेंस खाते में रखना अनिवार्य नहीं होता है। आप चाहे तो इसमें बैलेंस जीरो भी कर सकते हैं।
  • इसमें भी आपको अन्य दूसरे खातों की तरह एटीएम मिलता है जिस से आप किसी भी एटीएम पर नकद निकासी भी कर सकते हैं, साथ ही कुछ बैंक आपको चेकबुक की भी सुविधा देते हैं।
  • हर बैंक इस तरह के खाते के लिए कुछ शर्ते लागू करता है जिसमें आपकी ब्रांच से नकद निकासी और जमा राशी पर लागू होती है।
  • आपको कुछ बैंक इसमें इन्टरनेट बैंकिंग की सुविधा भी देते हैं ताकि आप आसानी से अपने लेन देन को कर सकते हैं और बिना बैंक जाए अपने बैलेंस को चेक कर सकते है और पैसे भी ट्रान्सफर कर सकते हैं।
  • इस तरह के खाते से भी आप तमाम तरह के बिल भुगतान और रिचार्ज आदि कर सकते हैं। बात बस केवल जमा धन की है क्योंकि नियम के अनुसार आप इसमें निर्धारित राशी से अधिक धन जमा नहीं कर सकते हैं और एक महीने में आपके द्वारा किए जाने वाले लेन देन की संख्या पर भी बाध्यता होती है।
  • इस तरह के खाते को खोलने के लिए आपको किसी भी शुरुआती डिपॉजिट करवाने की बाध्यता नहीं होती है आप चाहे तो बिना कुछ धनराशी को जमा किए भी अकाउंट खुलवा सकते हैं।

(आरबीआई की गाइडलाइन के अनुसार)

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