नई दिल्ली। फालतू का स्पेस, जंक फाइल्स और वायरस को डिलीट करने के लिए ज्यादातर लोग अपने स्मार्टफोन और कंम्यूटर में सी क्लीनर ऐप/सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते हैं। यही वजह है कि हैकर अब इसे निशाना बनाकर आपके पीसी से डाटा चुराने और उसे नुकसान पहुंचाने की जुगत में हैं।
हैकर्स ने सी क्लीनर सॉफ्टवेयर के सिक्योरिटी सिस्टम को तोड़कर इसमें मैलवेयर इंजेक्ट कर दिया है और इससे लगभग 20 लाख से ज्यादा यूजर्स प्रभावित हुए हैं। इंटरनेट सुरक्षा विशेषज्ञों ने ‘ए वास्ट’ साफ्टवेयर का डाउनलोड सर्वर खोजा है, जहां उन्हें सी क्लीनर में अंदर मैलवेयर मिला है।
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सी क्लीनर इसी सिक्योरिटी और एंटी वायरस सॉफ्टवेयर ‘ए वास्ट’ का हिस्सा है। सिस्को तालोस सिक्योरिटी टीम का कहना है कि सी क्लीनर वर्जन 5.33 में मल्टी स्टेज्ड मैलवेयर पेलोड हैं जो इसे इंस्टॉल करते ही आपके सिस्टम में आ जाते हैं।
हैकर के लिए सॉफ्ट टारगेट है सी क्लीनर
सी क्लीनर को लगभग 2 करोड़ बार डाउनलोड किया जा चुका है। क्रैपवेयर हटाने वाला ये सॉफ्टवेयर/एप दुनिया भर में इस्तेमाल किया जाता है। भारत में भी यह एप एंड्रॉयड यूजर्स के बीच खासा लोकप्रिय है। इसलिए हैकर्स ने इसे अपना माध्यम चुना है। हैकर्स इसके जरिए आपके सिस्टम का आई पी एड्रेस, नेटवर्क प्लेस की जानकारी, क्रेडिट कार्ड्स की जानकारी और आपके पासवर्ड्स चोरी करते हैं।
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इन लोगों के लिए नहीं है परेशानी
‘ए वास्ट’ कंपनी के मुताबिक इस मैलवेयर से 20 लाख से ज्यादा कंम्यूटर प्रभावित हैं। इनमें से अधिकतर वे कंम्यूटर हैं जिनमें 32 बिट का विंडोज है। बताया जा रहा है जिनके सिस्टम में सी क्लीनर का वर्जन 5.33.6162 है, उनके लिए परेशानी खड़ी हो सकती है। जबकि जिन लोगों ने 12 दिसंबर के बाद इसे अपडेट कर लिया है वे पूरी तरह सुरक्षित हैं। चूंकि ये वर्जन सिर्फ कंम्यूटर के लिए उपलब्ध है इसलिए एंड्रॉयड यूजर्स को फिलहाल कोई खतरा नहीं है।
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