लखनऊ। आने वाले समय में चेक बुक द्वारा लेन देन सिर्फ पुराने दौर की बातें हो जाएगी। इसके लिये सरकार बड़ा कदम उठा सकती है। अब चेक बुक द्वारा लेन देन बंद हो सकता है। चेक के बजाय बैंक आपसे डिजिटल ट्रांजेक्शन के लिये कह सकते है। इससे इकोनॉमी को कैशलेस बनाने का सपना सरकार का चस हो सकती है।
डिजिटल लेनदेन को मिलेगा बढ़ावा
उद्योग संगठन कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार बैंक चेकबुक सुविधा को निकट भविष्य में बंद कर सकती है। कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि सरकार को डेबिट तथा क्रेडिट कार्डों के इस्तेमाल को उत्साहित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि संभावना है कि डिजिटल लेनदेन को उत्साहित करने के लिए सरकार निकट भविष्य में ऐसा कदम उठा सकती है।
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नोटों की छपाई में सरकार खर्च करती है करोड़ों रुपए
सरकार को प्रतिवर्ष 25000 करोड़ रुपए सिर्फ नोटों की छपाई पर खर्च करना पड़ता है और इसके साथ ही नोटों की सुरक्षा पर भी सरकार को 6,000 करोड़ रुपए खर्च करना पड़ता है। ऐसे में पूरी तरह से कैशलेस अर्थव्यवस्था बनने से सरकार द्वारा इस खर्च को बचाया जा सकता है। हालांकि देश को 100 फीसदी कैशलेस बनने का सपना इतना आसान नहीं होगा।
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