भारत में ज्यादातर लोग सफर करने को लेकर प्राथमिकता रेलवे को देते हैं। चाहे वो निचले स्तर के लोग हों या मध्यम वर्ग के लोग या फिर उच्च वर्ग के लोग। रेलवे भी यात्रियों की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखती है। रेलवे ने अपने यात्रियों के लिए दो सुविधा दी हुई है एक है आरक्षित और एक अनारक्षित।
अगर आप लंबी दूरी की यात्रा कर रहे हैं और यात्रा का माध्यम रेल है तो उसके लिए भारतीय रेल आपको स्लीपर क्लास की सुविधा प्रदान करता है जिसमें आप की सीट रिजर्व होती है। आप आराम से अपनी यात्रा कर सकते हैं। बिना किसी परेशानी के, लेकिन आपको बता दें किन परिस्थितियों में आप स्लीपर क्लास में सफर कर सकते हैं…
- आपको बता दें कि स्लीपर क्लास में वही यात्री यात्रा कर सकते हैं जिनकी सीट आरक्षित है।
- अगर आपने रेलवे काउंटर से वेटिंग का टिकट लिया हुआ है तो आप स्लीपर क्लास में यात्रा कर सकते हैं। अगर उन यात्रियों को आपत्ति न हो जिनकी सीट पहले से आरक्षित है।
- अगर आप जनरल टिकट लेकर स्लीपर क्लास में यात्रा कर रहे हैं उस स्थिति में टीसी आपका अतिरिक्त किराए एफटी (एक्सेस फेयर टिकट) की रसीद काट देगा। इस रसीद के कटने के बाद आप स्लीपर में यात्रा करने के लिये अधिकृत हो जाते हैं लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि आप सीट के लिये भी अधिकृत हो जाते हैं।
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अगर आपके पास है जनरल टिकट तो टीसी नहीं काट सकता है चालान
अक्सर ऐसा होता है कि यात्री के पास जनरल टिकट होने के बावजूद प्लेटफार्म पर टीसी यात्री की रसीद ये कह कर काटता है कि इस रसीद के कटने से आप स्लीपर क्लास में यात्रा कर सकते हैं तो ये गलत है। अगर आपके पास जनरल का टिकट है तो टीसी तब तक आपकी रसीद नहीं काट सकता है जब तक आप रिजर्व डिब्बे में यात्रा नहीं करते है।
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