लखनऊ। आर्ट साइट्स से पढ़ाई करने वाले छात्रों को हमेशा ये डर रहता है कि आगे चलकर उनको कोई अच्छी नौकरी नहीं मिलेगी। लेकिन ऐसा नहीं है इतिहास (हिस्ट्री) से पढ़ाई करने वाले छात्राें के पास भी कई नौकरियों के विकल्प होते हैं। मगर इस बीच इस ट्रेंड में काफी बदलाव देखने को मिले हैं। लोग अब अलग-अलग प्रोफेशन में भी हाथ आजमा रहे हैं। इतिहास विषय के बारे में लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अनीता सिंह बता रहीं हैं-
जरूरी कौशल
इसमें कोर्स के अलावा छात्रों को कई तरह के गुण भी अपनाने पड़ते हैं। इतिहास जानने की ललक, लम्बे समय तक कष्टदायक शोध, बौद्धिक जिज्ञासा का संचार, धैर्य, संगठनात्मक कौशल, अच्छी कम्युनिकेशन स्किल्स, तरह-तरह के लोगों से मिलने के मौके सहित घूमने-फिरने को अपने आवश्यक गुण में शामिल करना पड़ता है
कुछ प्रमुख कोर्स
- बीए इतिहास/प्राचीन इतिहास/ मध्यकालीन इतिहास/आधुनिक इतिहास
- ’बीए (ऑनर्स) इतिहास
- ’एमए इतिहास/प्राचीन इतिहास/ मध्यकालीन इतिहास हिस्ट्री/आधुनिक इतिहास
- ’एमएससी इन ग्लोबल हिस्ट्री/इकोनॉमिक हिस्ट्री
- इतिहास में एमफिल
- प्राचीन इतिहास में पीएचडी कब कर सकते हैं कोर्स
- ’बीए इतिहास/प्राचीन इतिहास/ मध्यकालीन इतिहास/आधुनिक इतिहास
- ’बीए (ऑनर्स) इतिहास
- ’एमए इतिहास/प्राचीन इतिहास/ मध्यकालीन इतिहास हिस्ट्री/आधुनिक इतिहास
- ’एमएससी इन ग्लोबल हिस्ट्री/इकोनॉमिक हिस्ट्री
- इतिहास में एमफिल
- प्राचीन इतिहास में पीएचडी
कब कर सकते हैं कोर्स
- इतिहास विषय से संबंधित जो भी कोर्स हैं, वे बारहवीं के बाद ही किए जा सकते हैं। यदि स्नातक में इतिहास विषय लेना चाहते हैं तो आपको बारहवीं की परीक्षा उत्तीर्ण होना जरूरी है। स्नातक के पश्चात परास्नातक और फिर एमफिल व पीएचडी की राह आसान हो जाती है।
- परास्नातक में एमएससी कोर्स भी शामिल हैं। इतिहास में परास्नातक अथवा एमफिल/पीएचडी तभी कर सकते हैं, जब इतिहास में क्रमश: स्नातक व परास्नातक की डिग्री ली हो। यदि इससे जुड़े कोर्सो के बारे में छात्र स्पेशलाइजेशन करना चाहते हैं तो वह आर्कियोलॉजी या आर्ट एंड आर्किटेक्चर का कोर्स कर सकते हैं।
कहां मिल सकती है नौकरी
1. शिक्षक
- हमारे देश व समाज में शिक्षक की नौकरी को सम्मान की नजरों से देखा जाता है। यदि आप भी छात्रों को पढ़ाने-लिखाने और खुद लगातार पढ़ने के प्रोफेशन में रहना चाहते हैं तो अपने इतिहास विषय के ज्ञान से आप इस प्रोफेशन में आ सकते हैं। 2. मीडियामीडिया खुद में ही एक ऐसा प्रोफेशन है जहां आपके ऊपर अपने पाठक और दर्शक वर्ग के सामने बेहतरीन कंटेंट परोसने की अहम जिम्मेदारी होती है। फैक्ट से खिलवाड़ किए बगैर कंटेंट परोसने के लिए इतिहास विषय की जानकारी इसमें बहुत अहम हो सकती है।3. लेखकलेखक होने के लिए सबसे जरूरी योग्यता है कि उसके पास अलग-अलग विधाओं की जानकारी हो साथ ही उसे मानव सभ्यता के आगे-पीछे की चीजें मालूम हो। 4. शोध और विकास भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद में बतौर क्यूरेटर,एपीग्राफिक आसिस्टेंट, टेक्निकल आसिस्टेंट आर्कियोलाजिस्ट के रूप में काम कर सकते हैं। 5. विधिवेत्ताइतिहास बैकग्राउंड वाले छात्रों को विधि (Law) जैसे क्षेत्र में आने और अच्छा करने में काफी सहूलियतें होती हैं। वे ऐसी कई बातों और चीजों से पहले ही वाकिफ होते हैं जिनकी जरूरत बाद में उन्हें इस फील्ड में अच्छा करने के लिए प्रेरित करती हैं।
इतिहास के प्रमुख भाग
देश-विदेश में इतिहास से संबंधित दजर्न भर विषय पढ़ाए जाते हैं, लेकिन यहां पर निम्न विषयों को ज्यादा महत्व दिया जाता है-
- प्राचीन इतिहास
- मध्यकालीन इतिहास
- आधुनिक इतिहास