लखनऊ। बुरका, हिजाब या नकाब ये शब्द तो आपने कई बार सुने होंगे। मुस्लिम समुदाय की महिलाएं इन परिधानों का ज्यादातर इस्तेमाल करती हैं। इसके अलावा और भी परिधान हैं इस्तेमाल मुस्लिम महिलाएं करती हैं जिसके बारे में शायद आप नहीं जानते होंगे वो है शायला, अल अमीरा या चिमार और चादर। हम आपको बताते कि आखिर किस काम आते हैं ये अलग-अलग परिधान…
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बुरका
बुरके में मुस्लिम महिलाओं का पूरा शरीर ढका होता है। आंखों के लिए बस एक जालीनुमा कपड़ा होता है। कई देशों ने सार्वजनिक जगहों पर बुरका पहनने पर प्रतिबंध लगाया है जिसका मुस्लिम समुदाय में विरोध होता रहा है।
हिजाब
हिजाब में बाल, कान, गला और छाती को कवर किया जाता है। इसमें कंधों का कुछ हिस्सा भी ढंका होता है, लेकिन चेहरा दिखता है। हिजाब अलग अलग रंग का हो सकता है। दुनिया भर में मुस्लिम महिलाएं हिजाब पहनती हैं।
नकाब
नकाब में पूरे चेहरे को ढंका जाता है। सिर्फ आंखें ही दिखती हैं। अक्सर लंबे काले गाउन के साथ नकाब पहना जाता है। नकाब पहनने वाली महिलाएं ज्यादातर उत्तरी अफ्रीका और मध्य पूर्व में दिखायी देती हैं।
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शायला
शायला एक चौकोर स्कार्फ होता है जिससे सिर और बालों को ढंका जाता है। इसके दोनों सिरे कंधों पर लटके रहते हैं। आम तौर पर इसमें गला दिखता रहता है। खाड़ी देशों में शायला बहुत लोकप्रिय है।
अल अमीरा
अल अमीरा एक डबल स्कार्फ होता है। इसके एक हिस्से से सिर को पूरी तरह कवर किया जाता है जबकि दूसरा हिस्सा उसके बाद पहनना होता है, जो सिर से लेकर कंधों को ढंकते हुए छाती के आधे हिस्से तक आता है। अरब देशों में यह काफी लोकप्रिय है।
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चिमार
यह भी हेड स्कार्फ से जुड़ा हुआ एक दूसरा स्कार्फ होता है जो काफी लंबा होता है। इसमें चेहरा दिखता रहता है, लेकिन सिर, कंधें, छाती और आधी बाहों तक शरीर पूरी तरह ढंका हुआ होता है।
चादर
जैसा कि नाम से ही जाहिर है चादर एक बड़ा कपड़ा होता है जिसके जरिए चेहरे को छोड़ कर शरीर के पूरे हिस्से को ढंका जा सकता है। ईरान में यह खासा लोकप्रिय है। इसमें भी सिर पर अलग से स्कार्फ पहना जाता है।