आप भी गाँव में शुरू कर सकते हैं पोल्ट्री फार्मिंग का सफल व्यवसाय; जानिए कैसे?

गाँवों में पोल्ट्री, डेयरी और फिशरीज जैसे व्यवसायों के जरिए रोजगार के नए अवसर बन रहे हैं। सही योजना और सरकारी सहायता से किसानों को अच्छा मुनाफा हो सकता है। उत्तर प्रदेश पोल्ट्री किसान संगठन के अध्यक्ष अली अकबर बता रहे हैं कैसे इससे फायदा कमाया जा सकता है?
layer poultry farming business plan

पिछले कुछ साल में गाँवों में मुर्गी पालन का व्यवसाय तेज़ी से बढ़ा है, खासकर के लेयर यानि अंडे देने वाली मुर्गियों का, इसकी सबसे अच्छी बात ये होती है इसके लिए आपको बाज़ार नहीं तलाशना होगा, बल्कि आपके फार्म से ही अंडे बिक जाते हैं। 

पोल्ट्री का व्यवसाय बहुत ही फायदेमंद होता है क्योंकि इसमें आपका पैसा कभी ब्लॉक नहीं होता है। अंडा कभी उधार नहीं बिकता और खरीददार खुद आपके पास आते हैं। आपको बाजार ढूंढने की जरूरत नहीं पड़ती। इसके साथ आप बकरियों का फार्म, फिशरीज, या डेयरी का काम भी जोड़ सकते हैं। डेयरी में भी अच्छा स्कोप है, खासकर गाँव के क्षेत्रों में जहाँ पर्यावरण बेहतर होता है और पलायन भी कम होता है।

गाँव में अभी शहरों से बेहतर अपॉर्चुनिटी हैं, यहाँ पर रहने और काम करने का माहौल भी अच्छा है। अगर आप चार जानवर पालते हैं, तो दिन में 30-40 लीटर दूध का उत्पादन हो सकता है। अगर दूध की कीमत 60-70 रुपये प्रति लीटर मानी जाए तो लगभग ढाई से तीन हजार रुपये की दैनिक आय हो सकती है, जिससे परिवार के सभी सदस्य मिलकर काम कर सकते हैं।

पोल्ट्री, फिशरीज और डेयरी से खेती को मिल सकता है फायदा

पोल्ट्री, डेयरी, और फिशरीज जैसे व्यवसाय खेती के साथ मिलकर किए जा सकते हैं, जिससे खेती को भी फायदा होता है। उदाहरण के तौर पर, अगर आप एक छोटा पोल्ट्री फार्म शुरू करते हैं और 100 मुर्गियाँ पालते हैं, तो हर देसी मुर्गी 30-35 रुपये में मिलती है। अगर आप इसे व्यवस्थित ढंग से करना चाहते हैं, तो सरकार की योजनाओं के तहत 10,000 बर्ड वाला फार्म शुरू कर सकते हैं, जिसमें सब्सिडी और ब्याज दर की राहत मिलती है।

इसके लिए फार्म आबादी और हाईवे से दूर होना चाहिए और इसकी क्षमता के अनुसार सरकारी लोन की सुविधा भी मिलती है। 10,000 बर्ड के लिए करीब 1 करोड़ रुपये का खर्च आता है, जिसमें 20-22 लाख रुपये आपका निवेश होगा और बाकी लोन और सब्सिडी से कवर हो जाएगा। इसी तरह, 30,000 बर्ड के फार्म के लिए लगभग 3 करोड़ रुपये का खर्च आता है, जिसमें लगभग 40 लाख की सब्सिडी मिलती है।

पोल्ट्री फार्मिंग में सही प्लानिंग से हो सकता है अच्छा मुनाफा

पोल्ट्री फार्मिंग में अगर सही प्लानिंग और व्यवस्थापन हो तो अच्छा मुनाफा हो सकता है। फार्म में वेंटिलेशन का ध्यान रखना जरूरी होता है, खासकर गर्मियों और बारिश के मौसम में। इसके साथ ही, फार्मिंग में बिजली की समस्या को दूर करने के लिए सरकार से बिजली की सब्सिडी की मांग की जा रही है ताकि किसानों को राहत मिल सके।

फार्म का सही ढंग से निर्माण करने के लिए पूरा डिज़ाइन उपलब्ध है, जो जमीन से 7-8 फुट की ऊँचाई पर होता है ताकि सफाई भी अच्छी बनी रहे। इसके अलावा, फीड बनाने का भी पूरा फॉर्मूला है जिसमें मक्का, सोयाबीन, कैल्शियम और विटामिन मिलाए जाते हैं। अगर आप खुद फीड बनाएंगे तो यह सस्ता भी पड़ेगा और मुनाफा ज्यादा होगा।

अंडे की डिमांड और सरकार की योजनाएँ

सर्दियों में अंडे की डिमांड ज्यादा होती है, जबकि गर्मियों में खपत कम होती है। अगर सरकार मिड-डे मील में अंडे को शामिल करती है, तो इससे पोल्ट्री किसानों को बहुत लाभ होगा। उत्तर प्रदेश में हर रोज़ लगभग 2 करोड़ अंडों का उत्पादन हो रहा है, लेकिन अभी भी 1.75-2 करोड़ अंडे बाहर से आते हैं।

सही प्लानिंग और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर पोल्ट्री, डेयरी, और फिशरीज जैसे व्यवसायों से गाँव के लोग अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं और गाँवों में रोजगार के अवसर भी बढ़ सकते हैं।

देश में अंडा उत्पादन वर्ष 2014-15 में 78.48 बिलियन से बढ़कर वर्ष 2023-24 में 142.77 बिलियन हो गया है। देश के कुल अंडा उत्पादन में सबसे बड़ा योगदान आंध्र प्रदेश का है, जिसका कुल अंडा उत्पादन में 20.13 प्रतिशत हिस्सा है। इसके बाद तमिलनाडु (15.58 प्रतिशत), तेलंगाना (12.77 प्रतिशत), पश्चिम बंगाल (9.94 प्रतिशत), और कर्नाटक (6.51 प्रतिशत) का स्थान है।

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