महिला सम्मान बचत पत्र योजना भारतीय महिलाओं को आर्थिक मजबूती प्रदान करने और निवेश की आदत को बढ़ावा देने की बेहतरीन पहल है। यह एकमुश्त निवेश की लघु बचत योजना है, जिसकी घोषणा केंद्र सरकार ने इस साल के बजट में की है। देश के 1.59 लाख डाकघरों में यह योजना उपलब्ध है। इस योजना में लोक भविष्य निधि की अपेक्षा ज्यादा ब्याज उपलब्ध है।
हाल के वर्षोँ में कारोबार से जुडी महिलाओं की सँख्या में दोगुनी से ज्यादा वृद्धि हुई है। यही नहीं तमाम सरकारी और निजी नौकरियों में भी उनकी हिस्सेदारी में वृद्धि हुई है। महिलाओं की आय में वृद्धि हुई है तो उनके द्वारा निवेश में भी बढ़ोत्तरी होगी ही। अपनी ज़रूरतों के हिसाब से आज वह नौकरी और निवेश दोनों चुन सकती हैं। शेयर बाजार के जोखिमों से लेकर विश्वस्त सरकारी योजनाओं के विकल्प उनकी मुट्ठी में हैं। भारत सरकार की इस पहल से जरूर ही उन्हें एक नवीन और बेहतर विकल्प मिला है, जिससे उनके आर्थिक आत्मनिर्भरता के प्रयासों को बल मिलेगा।
आइए जानते हैं क्या है ये योजना?
1. अवयस्क लड़कियों (उनके अभिभावक द्वारा) और महिलाओं का खाता खोला जा सकता है, उम्र की कोई सीमा नहीं है।
2. योजना में आवेदक एक बार में दो लाख रुपये तक का निवेश कर सकता है।
3. योजना में एक से अधिक खाता भी खोले जा सकते है, लेकिन सभी खातों को मिलाकर जमा राशि अधिकतम 2 लाख रुपये तक ही हो सकती है। मौजूदा खाते और दूसरा खाता खोलने के बीच कम से कम तीन माह का अंतर होना चाहिए।
4. इस योजना के तहत आवेदक दो साल तक निवेश कर सकेंगे।
5. ब्याज की दर सालाना 7.5 प्रतिशत है।
6. ब्याज त्रैमासिक रूप से जोड़ा जाएगा और खाते में जमा किया जाएगा। खाता बंद करने के समय खाताधारक को भुगतान किया जाएगा।
7. निवेश न्यूनतम एक हजार रुपये और एक सौ रुपये के गुणक में किया जा सकता है।
8. खाता खोलने की तारीख से एक वर्ष के बाद इसमें 40 फीसदी तक रकम की आंशिक निकासी का विकल्प दिया गया है, ताकि जरूरत पड़ने पर बीच में जमा राशि को निकाला जा सके।
9. खाता खोलने की तिथि से दो वर्ष बाद जमाकर्ता को पात्र शेष राशि का भुगतान किया जाएगा।
10. बिना कोई कारण बताए खाता खोलने के 6 महीने बाद खाता बंद करने पर योजना ब्याज के 2% प्रतिशत से कम का भुगतान किया जाएगा। जोकि आज के समय 5.5% है.
11. दो साल से पहले बिना दंड के निम्नलिखित विषयों पर ही खाता बंद किया जाएगा।
– खाताधारक की मृत्यु होने पर
– खाताधारक को जान जोखिम वाली बीमारी होने पर
-अभिभावक की मृत्यु पर
12. सरकार ने महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र स्कीम को 31 मार्च 2025 तक वैध किया है
13. इस योजना में निवेश को अभी आयकर से छूट के विकल्प नहीं है
साकार की कोशिश ज़्यादा से ज़्यादा महिलाओं को इससे लाभ पहुंचाने की है। जानकारों की माने तो आर्थिक स्वावलंबन और वित्तीय समावेशन के प्रयासों में यह योजना निश्चित ही कारगर साबित होगी।
आज हमने जाना महिला सम्मान बचत पत्र के बारे में। हमारी वित्तीय साक्षरता की मुहीम से जुड़े रहें और अधिक से अधिक लोगों तक यह जानकारी पहुचाएं।
आकाश दीप मिश्रा, बैंक ऑफ महाराष्ट्र में ब्रांच मैनेजर हैं।