गाँव कनेक्शन: सैनिटरी पैड्स और कप में क्या ज़्यादा अच्छा होता है?
डॉ. अंजू अग्रवाल: देखिए, जो भी लड़की अपने हिसाब से इस्तेमाल करना चाहे, पर जो भी इस्तेमाल करें, सफाई जरूर मेंटेन करें। यहाँ तक कि वह कपड़ा भी, यदि इस्तेमाल करना चाह रही है, तो कर सकती है, लेकिन कपड़ा एकदम साफ-सुथरा, साबुन पानी से धुला हुआ और धूप में सूखा हुआ होना चाहिए, जिससे कि इंफेक्शन का डर ना हो। जो उसे सुविधा हो, जो वह अफोर्ड कर सके, उस हिसाब से वह इस्तेमाल करें, पर सफाई मेंटेन करना बहुत आवश्यक है।
गाँव कनेक्शन: पीरियड्स देरी से आने के क्या कारण हो सकते हैं?
डॉ. अंजू अग्रवाल: आजकल यह समस्या ज्यादा देखी जा रही है कि पीरियड्स देरी से आते हैं। इसका एक बहुत बड़ा कारण है हमारा खानपान में बदलाव, जो आजकल के बच्चे फास्ट फूड ज्यादा खाने लगे हैं, जिससे वजन बढ़ जाता है। वजन बढ़ने से आपके पीरियड्स भी गड़बड़ होते हैं। इसलिए, यह बहुत जरूरी है कि हमारी यंग गर्ल्स समझें कि वह स्वस्थ खाना खाएं, हरी पत्तेदार सब्जियां खाएं, घर का खाना खाएं, बजाय कि रोज़ बर्गर, पिज्जा खाने से। इनसे वेट बढ़ता है और कई परेशानियां उत्पन्न होती हैं, जिनमें से एक परेशानी पीरियड डिले होने की भी है।
यदि पीरियड्स डिले होते हैं, तो एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लें। कभी-कभी थायराइड की परेशानी या पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (PCOS) की वजह से हो सकते हैं। पर यदि आप वजन नियंत्रण में रखेंगे, तो पीरियड्स डिले होने की संभावना कम होगी। अगर कोई बीमारी है, तो एक अलग बात है, लेकिन बिना वजह आपके पीरियड डिले नहीं होंगे यदि आप अपना वजन नियंत्रित रखेंगे।
गाँव कनेक्शन: अत्यधिक ब्लड लॉस हो तो क्या करें?
डॉ. अंजू अग्रवाल: यदि अत्यधिक ब्लड लॉस हो रहा है, तो डॉक्टर की सलाह लेना बहुत ही आवश्यक है, क्योंकि इसमें कोई बीमारी हो सकती है। कभी-कभी यह फिजियोलॉजिकल हो सकता है, लेकिन सलाह जरूर लें। यदि कोई ट्यूमर है या रसौली है, तो डॉक्टर उसे डायग्नोज कर सकता है और उसका इलाज कर सकता है। और यदि कोई अन्य कारण नहीं मिल रहा है और हार्मोनल कारण से ही ब्लड लॉस हो रहा है, तो डॉक्टर दवाइयाँ देगा। अत्यधिक ब्लड लॉस होने से आपको खून की कमी हो सकती है, इसलिए डॉक्टर की सलाह लेना बहुत आवश्यक है।
गाँव कनेक्शन: पीरियड्स के समय दवा लेना कितना सही?
डॉ. अंजू अग्रवाल: देखिए, हम बहुत अधिक टैबलेट लेने की सिफारिश नहीं करेंगे। बेहतर है कि अगर आप नियमित रूप से एक्सरसाइज कर रही हैं, तो दर्द कम होता है। अगर मोटापा बढ़ रहा है, तो दर्द ज्यादा होने की संभावना होती है। देर से पीरियड आने पर ब्लीडिंग भी ज्यादा होती है और दर्द भी ज्यादा होता है। इसलिए, नियमित एक्सरसाइज करें और वजन को नियंत्रित रखें। पीरियड्स के समय अपनी नॉर्मल एक्टिविटी करते रहें।
यह ना सोचें कि आपको कोई बीमारी हुई है। आप बिल्कुल नॉर्मल हैं, स्कूल जाएं, पढ़ाई करें, खेलकूद भी करें, एक्सरसाइज भी करें। दर्द कम होगा। अगर बहुत दर्द हो रहा है, तो थोड़ा सा गर्म पानी की बोतल से सिकाई कर सकते हैं। बहुत जरूरी हो तभी दवा लें। जितनी भी पेन किलर दवाइयाँ हैं, सभी थोड़ा सा नुकसान पहुंचाती हैं। ये पेट में एसिडिटी बढ़ाती हैं, जिससे अल्सर हो सकता है। ज्यादा पेन किलर दवाइयाँ लेने से गुर्दों पर भी असर पड़ता है। इसलिए, बिना वजह पेन किलर दवाइयाँ ना लें।
गाँव कनेक्शन: गर्भधारण करने की सही उम्र क्या है?
डॉ. अंजू अग्रवाल: देखिए, हम कहेंगे कि पहला बच्चा आपका 22 से 25 साल के बीच हो जाए, जो कि आजकल कई बार नहीं होता है। पर 22 से पहले भी ना हो। जो 18-19 साल की लड़कियां प्रेग्नेंट हो जाती हैं, वह भी नुकसानदेह होता है। वह भी हाई रिस्क प्रेगनेंसी होती है। तो 22 से 25 साल के बीच में पहला बच्चा हो और कम से कम तीन साल के अंतराल पर दूसरा बच्चा हो और दो के बाद बिल्कुल ना हो। आजकल बहुत लोग यह पूछते हैं कि क्या हम अपना एग फ्रीज करा लें? क्या हम एम्ब्र्यो फ्रीज करा लें? लेकिन एक बात ध्यान रखें, जितना भी आप नेचुरल प्रोसेस में इंटरफेयर करेंगे, उतनी ही प्रॉब्लम्स होने की संभावना बढ़ती है।
आपने एग फ्रीज करा लिया या एम्ब्र्यो फ्रीज करा लिया, फिर 40-42 साल की उम्र में सोचा कि अब हम प्रेग्नेंसी कर सकते हैं। अब हम सेटल हो गए हैं, तो इसकी अलग परेशानियां हैं। ठीक है, प्रेगनेंसी हो जाएगी, लेकिन आपका शरीर अब ओल्डर हो गया है। आप प्रेग्नेंसी को उतने अच्छे से नहीं झेल पाएंगे, और आप अपने बच्चे को उतना एंजॉय नहीं कर पाएंगे क्योंकि आप बच्चे के साथ उतनी दौड़ भाग नहीं कर पाएंगे जितनी कि आप 23-24-25 साल की उम्र में कर सकते थे।