मोरिंगा की खेती: सेहत के साथ कमाई भी

गाँव कनेक्शन के ख़ास कार्यक्रम 'मत छोड़िए गाँव' में कृषि विज्ञान केंद्र, सीतापुर की कृषि वैज्ञानिक डॉ रीमा सहजन यानी मोरिंगा के गुणों के साथ ही इससे कैसे कमाई की जा सकती है के बारे में विस्तार से बता रहीं हैं।
#Moringa

बदलती जीवन शैली के साथ ही लोगों में कई तरह की बीमारियाँ बढ़ रहीं हैं, जबकि इनका इलाज हमारे आसपास ही मौजूद है। बस अपने खानपान में कुछ बदलाव करने की ज़रूरत है। इनमें से सहजन भी एक है, जिसकी खेती करके न सिर्फ आप अपनी सेहत सुधार सकते हैं, बल्कि इसका व्यवसाय भी कर सकते हैं।

कृषि विज्ञान केंद्र, सीतापुर की कृषि वैज्ञानिक डॉ रीमा सहजन के गुणों के बारे में बताती हैं, “अभी आप देख रहे हैं बहुत सारी ऐसी लाइफ स्टाइल डिजीज आ चुकी हैं, अगर हम महीने का डेढ़ से दो लाख रुपए भी कमा रहे हैं, उसका पचास प्रतिशत डॉक्टर के पास जा रहा है; इसलिए आज हम ऐसे पौधे की चर्चा करेंगे जो हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है, जिन्हे हमारे पूर्वज लंबे समय से इस्तेमाल करते रहे हैं ऐसा ही एक पौधा सहजन है।”

वो आगे कहती हैं, “मोरिंगा तो दक्षिण भारत में अभी भी डेली डाइट में है, सांभर में बहुत इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन अगर हम उत्तर भारत की बात करें तो अभी भी यहाँ पर सहजन का उतना ज्यादा उपयोग नहीं है जितना हमारे दक्षिण भारत के व्यंजन में होता है।”

सेहत के साथ कमाई भी

बहुत ही छोटे तरीके से थोड़ा सा प्रयास करके इससे एक अच्छा इकोनॉमिक बेनिफिट प्राप्त कर सकते हैं। इसमें आपके लिए सोलर ड्रायर काफी मददगार साबित हो सकते हैं। आजकल मोरिंगा पाउडर के साथ ही मोरिंगा कैप्सूल की माँग बढ़ी हुई। क्योंकि यह एंटी डायबिटिक होता है, इसलिए एक डायबिटिक पेशेंट भी पाँच-सात ग्राम मोरिंगा को अपनी डेली डाइट में शामिल करें, तो इंसुलिन नहीं लेना पड़ेगा।

इसमें एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज होती है, जो हमारे इम्यून सिस्टम को बढ़ाती है। इससे हमारी जो बाकी की हमारे शरीर में बीमारियाँ होती हैं वो कम हो जाती हैं। अगर हम बात करें मोरिंगा की तो इसमें संतरे के मुकाबले सात गुना ज्यादा विटामिन सी होता है।

इसकी सबसे अच्छी बात होती है, इसे हम छोटी सी जगह पर भी लगा सकते हैं। हम मोरिंगा की फलियों के साथ ही इसकी पत्तियों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

मोरिंगा की पत्तियों को सुखाने का सही तरीका

अब बारी आती है कि कैसे मोरिंगा की पत्तियों को सुखा सकते हैं। इसे हम सोलर ड्राइंग, सन ड्राइंग या फिर शेड ड्राइंग में सुखा सकते हैं। लेकिन सूरज की रोशनी में बाहर सुखाने पर कई तरह की गंदगियां भी आ सकती हैं। ऐसे में सोलर ड्रायर काम का साबित हो सकता है।

अगर हम अपने घर पर ही सुखाना चाहते हैं तो एक छोटा सा सोलर ड्राइंग का कॉन्सेप्ट है सोलर ड्राइंग यानी इसे हम नौ से दस हज़ार में हम अच्छे से बना सकते हैं।

सोलर से जो फायदा होता है वह यह होता है कि आपको जितने भी न्यूट्रिएंट है वह कंसंट्रेट फॉर्म में मिलते हैं। इसको लगाने के लिए हमें ऐसी जगह को चुनना होगा जहाँ पर हवा का एक तरह से सर्कुलेशन हो।

एक पूरा पैनल होता है जो उसको मॉनिटर करता है। इसमें पत्तियों को सुखाने के लिए एक पतली परत में रखना होता है। अगर सब्जियाँ सुखा रहे हैं, उसे धुलने के बाद कपड़े से पोछ देना चाहिए, जिससे उसमें नमी न रहे।

ऐसे कर सकते हैं मोरिंगा पाउडर का बिजनेस

आप फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी या स्वयं सहायता समूह की मदद से सोलर ड्रायर लगाने के साथ ही मोरिंगा का पाउडर बेच सकते हैं। उद्यान विभाग या नाबार्ड की मदद से आप इसका प्रशिक्षण ले सकते हैं। बहुत सारी ऐसी योजनाएँ हैं, जिनकी मदद से आप अपना व्यवसाय शुरू कर सकते हैं।

खेती में इन बातों का रखें ध्यान

सहजन आमतौर पर 25-30 डिग्री सेल्सियस के औसत तापमान पर हरा-भरा और काफी फैलने वाला होता है। यह ठंड को भी सहता है। लेकिन पाला से पौधा को नुकसान होता है। फूल आते समय अगर तापक्रम 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो तो फूल झड़ने लगता है। कम या ज़्यादा बारिश से पौधे को कोई नुकसान नहीं होता है। इसकी खेती सभी तरह की मिट्टियों में की जा सकती है। यहाँ तक कि बेकार, बंजर और कम उर्वरा भूमि में भी।

सहजन का हर हिस्सा आता है काम

सहजन का फूल, फल और पत्तियों का भोजन के रूप में प्रयोग होता है। सहजन की छाल, पत्ती, बीज, गोंद, जड़ से आयुर्वेदिक दवा तैयार होती है, जो लगभग 300 से ज़्यादा बीमारियों के इलाज में काम आता है। सहजन के पौधा से गूदा निकालकर कपड़ा और कागज उद्योग के काम में व्यवहार किया जाता है। आजकल सहजन से दवा बनाकर अनेक दवा कंपनी (पाउडर, कैप्सूल, तेल बीज आदि) विदेशों में निर्यात कर रहे हैं। 

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