लखनऊ। ट्रेन एक्सीडेंट में जान-माल का नुकसान रोकने के लिए रेलवे ने एक बड़ा प्लान तैयार किया है। रेलवे सभी डिब्बों को ऐसी कपलिंग से जोड़ेगा जो टूटेंगी नहीं। इससे हादसे के वक्त न तो कोच एक-दूसरे पर चढ़ेंगे और न ही अलग होंगे। रेलवे का मानना है कि कपलिंग टूटने की वजह से जान-माल का ज्यादा नुकसान होता है, इसलिए अनकपलिंग रोकने के लिए सेफ्टी ड्राइव शुरू किया गया है।
क्या है नई टेक्नोलॉजी
अभी ट्रेन के कोचों को आपस में जोड़ने के लिए स्क्रू कपलिंग की जाती है। बीते कुछ समय से इस कपलिंग के खुलने या टूटने से हुए हादसों को देखते हुए अब रेलवे ने सीबीसी (सेंटर बफर कप्लर) टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने का फैसला किया है। अभी तक इसका इस्तेमाल गुड्स ट्रेन के वैगन में किया जाता था, लेकिन अब इसे पैसेंजर ट्रेन के कोच में लगाया जाएगा। पुराने कोच में भी इसे बदला जाएगा।
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कम होगा नुकसान
रेलवे बोर्ड के मेंबर रहे आरसी आचार्य ने एक वेब पोर्टल से कहा कि सीबीसी कपलिंग से ट्रेन एक्सीडेंट से होने वाले नुकसान में काफी कमी आएगी। डिरेलमेंट के वक्त स्क्रू कपलिंग टूट जाती है और ट्रेन के डिब्बे एक दूसरे के ऊपर चढ़ जाते हैं या एक दूसरे से अलग होकर इधर-उधर गिर जाते हैं, लेकिन नई कपलिंग सिस्टम से ऐसा नहीं होगा। डिब्बे एक दूसरे से जुड़े रहेंगे, जिससे नुकसान बहुत कम होगा।
रेलवे ने शुरू किया ड्राइव
इसके साथ-साथ रेलवे ने गाड़ी के चलते वक्त अनकपलिंग की घटनाएं रोकने के लिए सेफ्टी ड्राइव भी शुरू किया है और ऑफिसर्स से कहा है कि वे 15 दिन तक एक ड्राइव चलाएं और जांच करें कि कपलिंग करते वक्त कर्मचारी गाइडलाइंस का पूरा ध्यान रखते हैं या नहीं। इसमें यह तय करने को कहा गया है कि सभी कोच को ऐसे जोड़ा जाए कि वे एक दूसरे से 1 से 2 मीटर की दूरी पर रहें, जबकि इंजन से 2 से 3 मीटर की दूरी पर रहें।
सभी कर्मचारियों की मांगी डिटेल
रेलवे बोर्ड की ओर से सभी जोन के जीएम और ऑफिसर्स से कहा है कि वे अपने-अपने जोन में काम कर रहे सभी इम्प्लॉई की डिटेल जुटाएं और 7 दिन में बोर्ड को मुहैया कराएं। इनमें नाम, पता, इम्प्लॉयज नंबर, फोन नंबर, ईमेल आईडी भी मांगी गई है।
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प्रोटोकॉल खत्म किया
रेलवे मिनिस्ट्री की ओर से बोर्ड को बताया गया है कि अब तक रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और मेंबर्स को मिल रहा प्रोटोकॉल खत्म किया जा रहा है। बोर्ड चेयरमैन और बोर्ड मेंबर्स के दौरे के वक्त उनके रेलवे स्टेशन पहुंचने पर वहां जीएम समेत लगभग सभी बड़े ऑफिसर्स का मौके पर होना जरूरी था, लेकिन अब इसे खत्म कर दिया गया है।
वाट्सऐप नहीं करेंगे इस्तेमाल
रेलवे की ओर से यह भी आदेश जारी किया गया हैं कि रेलवे ऑफिसर्स ड्यूटी के दौरान वाट्स ऐप का इस्तेमाल नहीं करेंगे। ऐसा करते पाए जाने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। इसके अलावा रेलवे ने अपना खर्च घटाने के लिए हर जोन में चल रही प्रिंटिंग प्रेस भी बंद करने का फैसला किया है।