लखनऊ। केंद्र सरकार हाल ही में पैन कार्ड के डिजाइन में कुछ बदलाव किए हैं। नए पैन कार्ड में हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में जानकारी दी गई है। ये सुरक्षा के लिहाज से पहले के कार्ड की अपेक्षा ज्यादा सुरक्षित हैंऔर इसमें छेड़छाड़ करना आसान नहीं होगा। नए रूप वाले पैन कार्ड को एनएसडीएल और यूटीआई इन्फ्रास्ट्रक्चर टेक्नोलॉजी एंड सर्विसेज लिमिटेड ने बनाया है। 1 जनवरी से इसका वितरण शुरू कर दिया गया है।
नए कार्ड में हिन्दी शामिल
पहले के पैन कार्ड में नाम, पिता का नाम और जन्म की तारीख केवल अंग्रेजी भाषा में होता था। इससे हिंदी भाषी लोगों को पढ़ने और समझने में परेशानी होती थी। लेकिन अब नए पैन कार्ड में पूरी जानकारी हिंदी और अंग्रेजी में होगी। पहले के पैन कार्ड में पैन नंबर बाएं तरफ पर होता था, अब बीच में होगा। सीधी हाथ पर भारत सरकार लिखा होगा और उसके नीचे फोटो और हस्ताक्षर करने की जगह होगी।
क्यूआर कोड से सत्यापन आसान
नए जारी किए पैन कार्ड में आधार कार्ड की तरह क्यूआर कोड होगा। इससे कार्ड को स्कैन करते ही कार्ड होल्डर की पूरी जानकारी सामने आ जाएगी। इससे वेरिफिकेशन प्रोसेस आसान हो जाएगी। अगर किसी व्यक्ति के पास पहले पैन कार्ड है और वो नया वाला पैन लेना चाहता है, तो वो 107 रुपए अदा कर आवेदन कर सकता है।
सिर्फ 25 करोड़ लोगों के पास पैन कार्ड
सरकार ने यह कदम जाली पैन कार्ड को रोकने के लिए उठाया है। नए सिक्युरिटी फीचर्स की वजह से ऐसा करना मुमकिन होगा। इस वक्त देश की 130 करोड़ आबादी है लेकिन केवल 25 करोड़ लोगों के पास ही पैन कार्ड है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अनुसार हर साल केवल 2.5 करोड़ लोग पैन कार्ड के लिए आवेदन करते हैं, जिनमें नए और पुराने कार्ड होल्डर भी शामिल हैं।
दो लाख से अधिक के लेन-देन पर जरूरी होगा पैन कार्ड
सरकार ने 2 लाख रुपए से अधिक के लेनदेन पर पैन कॉर्ड नंबर को अनिवार्य कर दिया है। 1 जनवरी 2016 से दो लाख रुपए से अधिक के नकदी लेनदेन या किसी वस्तु की खरीददारी पर पैन नंबर देना अनिवार्य होगा। वहीं डाकघर बचत खातों में 50 हजार रुपए से अधिक के जमा, बेसिक बचत खाता खुलावने तथा टेलीफोन या मोबाइल कनेक्शन के लिए पैन नंबर की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है।
पैन की अनिवार्यता सीमा दोगुनी हुई
वित्त मंत्रालय ने इसके साथ ही बड़े लेनदेन के लिए पैन कार्ड की अनिवार्यता सीमा भी दोगुनी कर दी है। इसके तहत अब 10 लाख रुपए की अचल संपत्ति की खरीद पर पैन नंबर देना अनिवार्य होगा जबकि पहले यह राशि पांच लाख रुपए थी। एक बार होटल या रेस्त्रां में 25 हजार के बिल पर पैन नंबर देना पड़ता था जिसे बढ़ाकर 50 हजार रुपए कर दिया गया है। असूचीबद्ध कंपनियों में एक लाख रुपए तक के शेयर खरीदने पर पैन नंबर लगेगा, जबकि पहले यह राशि 50 हजार रुपए थी।