नई दिल्ली। खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने किसानों के भंडारगृहों में रखे कृषि उपज की इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप वाली खरीद-फरोख्त करने लायक प्राप्ति रसीद व्यवस्था की शुरुआत की है। किसान इस इलेक्ट्रानिक रसीद का इस्तेमाल बैंकों से कर्ज लेने में कर सकते हैं। रसीद इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप में होगी इसलिये इसके कहीं गुम होने या दुरुपयोग होने का भी खतरा नहीं है।
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खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने पासवान ने मंगलवार को भंडारगृह के अधिक तेजी के साथ और पारदर्शी तरीके से पंजीकरण के लिए एक वेब पोर्टल का भी अनावरण किया। खरीद-फरोख्त योग्य यह रसीद वर्ष 2011 में शुरू की गई थी। इसकी खरीद-फरोख्त कर गोदाम में रखे माल का सौदा किया जा सकता है। इसके लिये जरूरी नहीं है कि गोदाम में रखे माल को भौतिक रूप से खरीदार के सुपुर्द किया जाये। ये रसीदें खरीद-फरोख्त योग्य हैं इसलिये इनको बैंकों में रहन रखकर कर्ज भी लिया जा सकता है। इन रसीदों को भंडारगृह (विकास एवं विनियमन) कानून, 2007 के तहत खरीद-फरोख्त योग्य बनाने की मान्यता दी गई है। इनका विनियमन भंडारगृह विकास एवं विनियमन प्राधिकार (डब्ल्यूडीआरए) द्वारा किया जाता है।
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इलेक्ट्रानिक रसीद जारी करने के मौके पर आयोजित समारोह में पासवान ने कहा, अब तक रसीदें हाथ से तैयार की जाती रहीं हैं लेकिन अब इन रसीदों को इलेक्ट्रानिक स्वरूप में ही रखा जायेगा। इससे न केवल किसान लाभान्वित होंगे बल्कि बैंकों के साथ अन्य सभी अंशधारकों को भी इसका फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि किसानों को रसीद को खोने का भय नहीं रहेगा क्योंकि इसे आनलाइन अपलोड किया जायेगा और रिण आवंटन के समय बैंक इसे आसानी से देख सकते हैं। इस रसीद में किसानों के भंडार गृह में रखे माल का पूरा ब्यौरा अंकित होगा। बैंकों से कर्ज देते समय बैंक भी इसकी जानकारी कंप्यूटर नेटवर्क पर देख सकते हैं।
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