Gaon Connection Logo

जानिए क्या हैं लोक भविष्य निधि यानी पीपीएफ के फायदे?

आप भी बचत के बारे में सोच रहे हैं, लेकिन समझ नहीं पा रहे हैं कि कहां और कैसे निवेश करें। बात पते की में आज ऐसी जरूरी जानकारी दे रहे हैं।
#banking

बात पते की के पिछले अंक में हमने जाना था की अगर प्रत्येक माह कुछ निवेश करते हैं, बैंक के आवर्ती बचत खाते (Recurring Deposit) में तो हमें निश्चित अवधि के बाद ब्याज के साथ निवेशित राशि प्रतिफल में मिलती है। बैंक के आवर्ती खाते के ब्याज में बैंक के अनुसार फर्क होता है।

चलिए आज हम बात करते हैं लोक भविष्य निधि के बारे में, जिसे कुछ निवेशक सेवानिवृत्ति के बाद एक अच्छी एकमुश्त राशि पाने के लिए भी करते हैं। निवेशक अपने नज़दीकी बैंक की शाखा या डाक घर में लोक भविष्य निधि का खाता खुलवा सकते हैं। लंबे समय के निवेश के लिए यह योजना सही है।

केंद्र सरकार की तरफ से लोक भविष्य निधि योजना में ब्याज दर बैंकों के विभिन्न के खातों से ज्यादा होती है और इन्हें लंबे समय वाले निवेश के सही साधन के रूप में देखा जाता है।

यह योजना नियमित रूप से बचत करने वाले व्यक्तियों के लिए उपयोगी है और 500 रुपए जितने कम निवेश से भी इससे जुड़ा जा सकता है। यदि नवजात शिशु के जन्म के बाद इस योजना में खाता खोला गया तो उसकी उच्च पढाई के लिए एक अच्छी राशि जोड़ी जा सकती है। 15 वर्ष की निश्चित अवधि होने की वजह से इसको बीच में सरलता से बंद नहीं किया जा सकता है, जिसकी वजह से जिस उद्देश्य से इस खाते को खोला जाता है उसकी पूर्ति होने की सम्भावना ज्यादा होती है। अगर हर साल 1.5 लाख रुपए निवेश किये गए तो 15 वर्ष के बाद 40.68 रुपए लाख रुपए प्रतिफल में मिलेंगे जो आयकर या किसी भी कोर्ट के आदेश द्वारा कुर्की से मुक्त होंगे।

क्या है योजना?

  • कोई भी भारतीय 15 वर्ष की अवधि के लिए यह खाता खोल सकता है।
  • केवल एक ही खाता मान्य होता है, दूसरा खाता अगर खोला जाता है तो उसमें जमा की गयी राशि पर कोई ब्याज नहीं मिलता है।
  • अवयस्क के लिए उसके माता पिता खाता खोल सकते हैं।
  • यह खाता संयुक्त नाम से नहीं खोला जा सकता है और यह हस्तांतरित भी नहीं किया जा सकता है।
  • अनिवासी भारतीय यह खाता नहीं खोल सकते हैं ।
  • 15 साल के बाद एक या पांच वर्ष के ब्लॉक के लिए बढ़ाया जा सकता है।
  • इस योजना की खासियत है की इसमें हर साल निवेशित 1.50 लाख रुपए तक की राशि, ब्याज और परिपक्वता पर मिलने वाली राशि को आयकर से पूरी छूट है।
  • आज की तारीख में 7.1% ब्याज उपलब्ध है।
  • प्रति वर्ष ब्याज 31 मार्च को जमा किया जाता है और ब्याज की गणना 5 तारीख और महीने की आखिरी तारीख के दौरान न्यूनतम राशि पर की जाती है।
  • एक वित्तीय वर्ष में 500 रुपए से लेकर 150000 रुपए तक की कुल राशि ज्यादा से ज्यादा 12 किस्तों में जमा कर सकते हैं।
  • किसी वित्तीय वर्ष में निवेश न करने पर खाते को अनियमित मान लिया जाता है, जिसको नियमित करने के लिए दंड की राशि जो कि प्रति वर्ष 50 रुपए ही देय होगी।
  • एक वर्ष से लेकर 5 वर्ष की समाप्ति से पूर्व ऋण की सुविधा उपलब्ध है। 6 साल के बाद कोई भी कर्ज उपलब्ध नहीं होता है।
  • खाता खोलने के 5 साल के बाद, एक वित्तीय वर्ष में एक बार ही आहरण की सुविधा उपलब्ध है।
  • अवयस्क के खाते से आहरण के लिए इसका प्रमाण देना होगा की राशि का इस्तेमाल अवयस्क के कल्याण के लिए किया जा रहा है।
  • एक या अधिक नामांकन की सुविधा है। अवयस्क के लिए नामांकन की सुविधा उपलब्ध नहीं है।
  • खाताधारक की मृत्यु के बाद नामिती को अवधि समाप्त होने से पूर्व भी जमा राशि दी जा सकती है।
  • किसी भी खाताधारक के खाते में जमा राशि खाताधारक द्वारा किए गए किसी भी ऋण या देनदारी के संबंध में किसी भी अदालत के किसी भी आदेश या डिक्री के तहत कुर्की के लिए उत्तरदायी नहीं होगी।

आकाश दीप मिश्रा, बैंक ऑफ महाराष्ट्र में ब्रांच मैनेजर हैं। 

More Posts