आजकल बाजार में साड़ियों को रखने के लिए खास तरह के लिफाफे भी मिलते हैं। इन में साड़ियों को सहेज कर रखें। ऊपर से बंद कर दें। साइड से कोने में हल्का सा टक लगा दें। इस से कीड़ा नहीं लगेगा और साड़ियां नई बनी रहेंगी।
साड़ी अक्सर फाल से फटती है। इसलिए साड़ी उतारने के बाद किसी हल्के ब्रश की सहायता से फाल में लगी गंदगी उतार दें। जरीदार साड़ी पर परफ्यूम न लगाएं। इससे जरीकाली पड़ने का अंदेशा रहता है। यदि और साड़ियों लकड़ी की अलमारी या बक्से में रख रही हैं तो पहले यह जांच लें उस में कीड़ा या दीमक तो नहीं लगी।
यदि ऐसा नहीं है तो उसे के शैल्फ्स को धूप में सुखाएं नीम के पत्ते रखें। फिर शैल्फ्स पर हैंडमेड पेपर या ब्राउन पेपर बिछाएं। इस से कीड़ा नहीं लगेगा। साड़ियों में महक न आए इसके लिए चाहें तो सुगंधित जड़ीबूटियां, सूखे फूल और पत्ते रख सकती हैं। लौंग व कालीमिर्च के दोनों की महक कीड़ों को दूर रखती है।
हैवी कढ़ाई और जरदोजी वाली साड़ियों को उल्टा कर के तह लगाएं। उन्हें यदाकदा पहनती हों तो हैंगर पर ठीक है अन्यथा वुडनरॉड पर लपेट कर रखें, वे फटेंगी नहीं। अलमारी में सीलन कतई न हो। इसे धूप लगवाती रहें, अन्यथा सीलन कपड़ों को गला देगी। कभी-कभी अलमारी अपनी निगरानी में खुली रखें।