अगर आप भी संरक्षित खेती, प्राकृतिक खेती और मोटे अनाजों के बारे जानकारी चाहते हैं, तो आपके लिए बढ़िया मौका है, पूसा कृषि विज्ञान मेला में सारी जानकारियां आपको एक ही जगह पर एक साथ मिल जाएंगी।
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के ग्राउंड में लगने वाला तीन दिवसीय कृषि मेला 2 से 4 मार्च तक चलेगा। इस बार कृषि मेले में अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष 2023 के अंर्तगत मोटा अनाज आधारित मुल्य श्रृंखला विकास, स्मार्ट खेती/ संरक्षित खेती मॉडल, जलवायु तन्यक एवं संपोषक, कृषि विपणन एवं निर्यात, किसानों के नवाचार- संभावनाएं एवं समस्याएं, किसान उत्पादक संगठन- स्टार्टअप लिंकेज जैसी जानकारियां दी जाएंगी।
आईसीएआर-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ अशोक कुमार सिंह ने कृषि मेला की जानकारी देते हुए कहा, “इस बार पूसा कृषि विज्ञान मेला मार्च 2 से 4 तक लगाया जाएगा। मेले का उद्घाटन 02 मार्च को केंद्रीय कृषि एवं कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर करेंगे।”
वो आगे कहते हैं, “मेले का मुख्य आकर्षण किसानों को पूसा बासमती के तीन किस्मों के बीज उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके साथ ही कई तरह के स्टॉल भी लगाए जाएंगे।”
पूसा कृषि विज्ञान मेला में किसानों के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, के साथ ही राज्य कृषि विश्वविद्यालयों, आईसीएआर के संस्थानों सहित 300 से अधिक स्टॉल लगाए जाएंगे।
पूसा कृषि मेले की शुरूआत 1972 में हुई थी, मेले के माध्यम से किसानों को न केवल कृषि की नई तकनीक की जानकारी होती है, साथ ही तीन दिवसीय कृषि मेले में आयोतिक कृषि गोष्ठियों में किसान वैज्ञानिकों से सीधे संवाद भी कर सकते हैं।
हर वर्ष की तरह इस बार भी भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (पूसा संस्थान) देश के चुनिंदा प्रगतिशील किसानों को सम्मानित करेगा। व्यवहारिक कृषि प्रोद्योगिकियों व तकनीक को विकसित और प्रसारित करने वाले किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए पूसा संस्थान हर साल पूसा कृषि विज्ञान मेले में लगभग 25-30 उन्नतशील किसानों को आईएआरआई नवोन्मेषी किसान (IARI Innovative Farmer) और आईएआरआई-अध्येता किसान (IARI Fellow Farmer) पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता है। इस बार तीन दिवसीय किसान मेला में किसानों को सम्मानित किया जाएगा।