लखनऊ। मानसून आने के साथ ही जून-जुलाई के महीने में नए पौधे लगने शुरू हो जाते हैं, अगर किसान पहले से ही सही तैयारी करें तो अच्छे से बागवानी लग जाती है।
पौधा गड्ढे में उतनी गहराई में लगाना चाहिए जितनी गहराई तक वह नर्सरी, गमले में या पॉलीथीन की थैली में था। अधिक गहराई में लगाने से तने को हानि पहुंचती है, कम गहराई में लगाने से जड़ें मिट्टी के बाहर जाती है।
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पौधा लगाने के पहले उसकी अधिकांश पत्तियों को तोड़ देना चाहिए लेकिन ऊपरी भाग की चार-पांच पत्तियां लगी रहने देना चाहिए। पौधों में अधिक पत्तियां होने से वाष्पोत्सर्जन अधिक होता है, पानी अधिक उड़ता है।
पौधा उतने परिमाण में भूमि से पानी नहीं खींच पाता क्योंकि जड़े क्रियाशील नहीं हो पाती है। अतः पौधे के अन्दर जल की कमी हो जाती है और पौधा सूख भी सकता है। जोड़ की दिशा दक्षिण-पश्चिम दिशा की ओर रहना चाहिए।
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पौधारोपण करते समय अन्य अहम बातें
पौधों की उम्र कम से कम एक वर्ष होनी चाहिए। दो वर्ष से अधिक उम्र के पौधे नहीं लगाना चाहिए, उनके सूखने का अधिक भय रहता है। पौधे अपने किस्मों के अनुसार सही होने चाहिए। अतः पौधे विश्वसनीय नर्सरी से ही मंगाए जाने चाहिए।
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