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क्या आप नहीं जानते बचत और चालू खाते के बीच का अंतर? यहां मिलेगी पूरी जानकारी

बचत करना जरूरी है, ये तो सबको पता है, लेकिन कैसे करना है, इसको लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल होते हैं। जैसे कि लोगों को बचत और चालू खाता के बीच का अंतर नहीं पता होता है, खासकर के ग्रामीण भारत में, बात पते की आज आपको ऐसी जरूरी जानकारी दी जा रही है।
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हमारे घरों में कुछ ऐसी जगहें होती थी जिसमें से माताजी ज़रूरत पड़ने पर पैसे निकाल लाती थी और पिताजी को सुकून तो मिलता था कि ज़रूरत पर पैसे मिल तो गए पर उन्हें अचम्भा भी होता था की पैसे थे कहाँ और कैसे आये? कभी चावल के डब्बे के नीचे, कभी किसी किताब के पन्नों के बीच, कभी पूजा की अलमारी में तो कभी पुराने संदूक में।

बस जगह बदलती रहती थी, पैसों की राशि बदलती रहती थी, ज़रूरत बदलती रहती थी, पर एक बात हमेशा होती थी की वो पैसे ज़रूरत पर काम आते थे और जितना गुरूर पिताजी को अपनी मासिक वेतन पर होता था, वो सब माताजी की पोटली से निकले धन के आगे छोटा पद जाता था। पहले वेतन नकद मिलता था या मनी आर्डर से आता था, धीरे-धीरे एटीएम आये तो पिताजी पूरा वेतन एक बार में लाकर माताजी को सौंप देते थे और फिर पूरा महीना उसी से चलता था।

भारतीय समाज में सदा से ही बचत को लेकर एक सोच रही है और अपने हर आर्थिक फैसले में हम बचत को ध्यान में रखते हुए चलते हैं.आज पैसे खाते में रहते हैं और समय डिजिटल बैंकिंग का आ गया है तो आइए जानते हैं कुछ बचत से जुडी बैंकिंग की सहूलियतों के बारे में जिनसे हम अपनी आमदनी के एक हिस्से को बचा भी सकते हैं और किस प्रकार से विभिन्न बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठाया जा सकता है| तो चलिए जानते हैं बैंकों में उपलब्ध बचत खातों के बारे में:

बचत खाते दो तरह के होते हैं, सेविंग्स अकाउंट (Savings Account ) और करंट अकाउंट (Current Account )

करंट अकाउंट : इस खाते का उपयोग साधारणतः व्यवसाय के लिए किया जाता है। इसमें व्यवहारों की कोई सीमा नहीं होती है और बैंक इसकी राशि पर कोई ब्याज नहीं देते। इस प्रकार के खाते में आपको न्यूनतम राशि रखनी पड़ती है जो बैंक और क्षेत्र के वर्गीकरण जैसे कि वह ग्रामीण, शहरी या मेट्रो किस प्रकार का क्षेत्र है उसपर आधारित होती है।

सेविंग्स अकाउंट: मुख्यतः साधारण बचत के लिए खोला जाता है और विभिन्न बैंक बचत की राशि पर 3% से 7% तक ब्याज देते हैं। सेविंग्स खाते में व्यवहार की सीमाएं होती हैं जैसे कि प्रति छह महीने में खाते में 50 से ज्यादा व्यवहार करने पर आपको साधारण शुल्क देना पड़ता है। सेविंग्स खाते में व्यवसाय से जुड़े व्यवहार नहीं करने चाहिए और इन्हें बचत के लिए उपयोग में लाना चाहिए। इस प्रकार के खाते को आप शुन्य राशि में भी खोल सकते हैं।

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साधारणतः लोग अपने सैलरी, स्कूल की स्कालरशिप, परिवारजनों के साथ जॉइंट अकाउंट जैसे अन्य कार्योँ की लिए इन खातों का उपयोग करते हैं। विभिन्न सरकारी योजनाओं की पैसे इन खातों में आते हैं। बचत बैंक खाते का मुख्य उद्देश्य बचत बढ़ाना है। इसलिए इसका इसका उपयोग चालू खाते के रूप में नहीं किया जाना चाहिए। बचत खाता खोलने की लिए आपके पता का प्रमाण, पहचान का प्रमाण देना होता है जिसमें बैंक आधार कार्ड , वोटर आईडी कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, बिजली या टेलीफोन बिल को लेते हैं। बैंक ज़रूरत पड़ने पर आपसे कुछ अतिरिक्त प्रमाण भी मांग सकता है, जैसे की, अगर आप किराए के मकान में रह रहे हैं ता उसका एग्रीमेंट। इसके साथ में आपकी नवीनतम फोटो साथ में देनी होती है।

खाता खोलते समय और उसके इस्तेमाल के समय कुछ जरूरी बातों का रखें ध्यान

  •  आधार कार्ड और पैन कार्ड में नाम व जन्म दिनांक समान हो।
  •  अपना मोबाइल नंबर एवं ईमेल आईडी अवश्य दें जिससे आपको लेन देन की सूचना समय समय पर आती रहे।
  •  आधार कार्ड व खाते में अपना नवीनतम मोबाइल नंबर अपडेट कराएं
  •  खाते में नामांकन अवश्य दें
  •  10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे भी अपने अभिभावक के साथ जॉइंट खाता खुलवा सकते हैं
  •  सरकार के द्वारा विभिन्न योजनाओं से जुड़ने के लिए अपने खाते में आधार कार्ड अवश्य जोड़ें
  •  एटीएम और इंटरनेट बैंकिंग की सुविधा लें
  •  बचत खाते में दो वर्ष तक कोई व्यवहार न होने पर खाता अस्थायी रूप से बंद कर दिया जाता है, जिसको आप पुनः KYC (जिसमें आधार कार्ड, पैन कार्ड , ड्राइविंग लाइसेंस इत्यादि)डाक्यूमेंट्स बैंक में जमा करके चालू करवा सकते हैं।
  •  शुन्य बैलेंस के खातों में आप छह महीने में 50 हज़ार से ज्यादा का व्यवहार नहीं कर सकते और प्रत्येक महीने में पैसे निकलने की सीमा 10 हज़ार होती है।
  •  ग्राहक अपने बैंक के एटीएम से हर महीने 5 मुफ्त लेन देन कर सकते हैं जबकि अन्य बैंकों के एटीएम (मेट्रो शहरों में) से महीने में तीन बार मुफ्त में लेनदेन हो सकता है। गैर मेट्रो शहरों में अन्य बैंकों के एटीएम से 5 मुफ्त ट्रांजेक्शन्स किए जा सकते हैं।
  •  बैंक के किसी भी प्रकार के खाते में 10 वर्ष तक व्यवहार न होने पर खाते की राशि डिपॉजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड (DEAF) को भेज दिया जाता है। बैंकों में जो पैसा 10 साल से अनक्लेम्ड है, उसे इस फंड में डाल दिया जाता है। लेकिन, अगर 10 साल के बाद भी कोई इसका क्लेम करता है तो उसे उसका पैसा ब्याज के साथ वापस कर दिया जाता है। DEAF में वर्ष 2022-23 में कुल 35,012 करोड़ रूपए ट्रांसफर किये गए हैं।
  •  किसी भी फ़ोन, मैसेज या ईमेल का जवाब देते समय अपने अकाउंट की जानकारी साझा न करें और बैंक द्वारा जारी एप्लीकेशन का ही इस्तेमाल करें।
  • किसी प्रकार की शंका आने पर तुरंत बैंक में संपर्क करें

खाताधारकों को इन सब बातों का ध्यान रखते हुए अपने खाते में व्यवहार करना चाहिए।

विभिन्न बैंक कई प्रकार के बचत और चालू खातों को खोलते हैं जिनमे कई प्रकार की सुविधाएं होती हैं। खाता खोलने से पहले हमें बैंक में चल रही योजनाओं के बारे में जानकारी ले लेनी चाहिए और अपनी आवश्यकता अनुसार खाता खोलना चाहिए। बचत करने के साथ साथ अपने खाते के पैसे को सुरक्षित रखना भी बहुत ज़रूरी है जिसके लिए हमें बैंक से जुड़ी कोई भी निजी जानकारी किसी अन्य व्यक्ति से साझा नहीं करनी चाहिए।

बैंक बच्चों, महिलाओं और वृद्ध लोगों के लिए कई आकर्षक योजनाएं लाते हैं जिनमें ब्याज दर आकर्षक होती है, जिससे बचत की आदत बनी रहती है। बैंकिंग व्यवस्था में जुड़ने के लिए सबसे पहले आपको एक बचत खाते की आवश्यकता होती है। बैंक आपके खाते में होने वाले व्यवहार को देखते हुए आपको विभिन्न ऋण सुविधा भी प्रदान करते हैं। हमें व्यवहार करने से बचना चाहिए और ज्यादा से ज्यादा व्यवहार बैंक के खाते से करना चाहिए जिससे की कुछ वर्ष बाद भी हम किये गए लेन देन की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

आज हमने जाना बैंक में जुड़ने के सबसे पहले कदम के बारे में, आने वाली श्रृंखला में हम विभिन्न प्रकार के निवेश के तरीके, उनसे जुड़ी ज़रूरी बातें जानेंगे।

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