लखनऊ। नर्सिंग दुनिया का सबसे ज्यादा सेवामयी पेशा है। मेडिकल के हर क्षेत्र में नर्सों की जरूरत होती है। यदि आप में भी सेवा करने का जज्बा है तो इस क्षेत्र में करियर बना सकते हैं। इसके लिए आपको कम से कम 12वीं जीवविज्ञान से पास होना जरूरी है, जिसके बाद आप जनरल नर्सिंग और मिडवाइफरी का कोर्स कर सकते हैं। इस कोर्स के बाद आप किसी भी हॉस्पिटल में या क्लीनिक में नर्सिंग का जॉब कर सकते हैं। इसके बारे में पूरी जानकारी दे रहे हैं, स्वामी विवेकानंद नर्सिंग कॉलेज के समंवयक डॉ आशुतोष चन्द्रा-
योग्यता
एएनएम या हेल्थ वर्कर- इसके लिए योग्यता के रूप में अभ्यर्थी का 10वीं उत्तीर्ण होना जरूरी है। इस कोर्स की अवधि 18 महीने की होती है। जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी (जीएनएम)- इस कोर्स के लिए अभ्यर्थी को 12वीं कक्षा में भौतिक, रसायन और जीव विज्ञान विषय के साथ 40 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण होना चाहिए। इस कोर्स की अवधि साढ़े तीन साल की होती है।
बीएससी इन नर्सिंग (बेसिक)- इसके लिए 12वीं में भौतिक, रसायन और जीव विज्ञान के साथ 45 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण होना चाहिए। इस कोर्स की अवधि 4 साल की होती है।
बीएससी इन नर्सिंग (पोस्ट बेसिक)- इस दो वर्ष की अवधि के कोर्स के लिए 12वीं के साथ-साथ जीएनएम की डिग्री भी होनी चाहिए। यदि 12वीं और जीएनएम के साथ कम से कम 2 साल का अनुभव भी हो तो इसे दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से 3 वर्षों में भी पूरा किया जा सकता है।
एमएससी इन नर्सिंग- नर्सिंग में एमएससी करने के लिए नर्सिग में 55 प्रतिशत अंकों के साथ बीएससी की डिग्री के साथ-साथ एक साल का अनुभव भी आवश्यक है। इस कोर्स की अवधि 2 साल होती है।
कोर्स और अवधि
12वीं के बाद बीएससी नर्सिंग के लिए कॉलेज में दाखिला ले सकतें है। बीएससी नर्सिंग साढ़े 4 साल का कोर्स है, अगर आपने जनरल नर्सिंग और मिडवाइफरी कोर्स कर चुके हैं, (ये तीन साल का होता है) और फिर आप बीएससी नर्सिंग के लिए दाखिला ले रहें है तो बीएससी नर्सिंग 2 साल का कोर्स हो जाता है। इससे बाद आप एमएससी नर्सिंग भी कर सकतें है। लेकिन बीएससी नर्सिंग ख़त्म होने के बाद आपको एक साल का वर्क एक्सपीरियंस दिखाना होता है जिसके बाद आपको एमएससी नर्सिंग में दाखिला मिल सकता है। इस कोर्स की अवधि 2 साल की होती है। और आप इसमें इन विषयों पर स्पेशलाइजेशन कर सकते है, चाइल्ड हेल्थ नर्सिंग, मेंटल हेल्थ नर्सिंग, कम्युनिटी हेल्थ नर्सिंग, मेडिकल सर्जिकल नर्सिंग, मिडवाइफरी।
सेवा इनकी पहचान
आज के स्वास्थ्य तंत्र में नर्स की अहम भूमिका रहती है। ये मरीजों की पीड़ा को अच्छी तरह से समझती हैं। केजीएमयू की प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ रीता दास बताती हैं, “किसी भी मरीज को ठीक करने में जितना डॉक्टर का योगदान होता है उससे कहीं ज्यादा नर्स की भूमिका होती है।”
कोर्स की रूपरेखा
नर्सिंग के क्षेत्र में डिप्लोमा, अंडर ग्रेजुएट एवं सर्टिफिकेट आदि कई तरह के कोर्स होते हैं, जिनमें से छात्र अपनी योग्यता और रुचि के अनुसार चुनाव कर सकते हैं। नर्सिंग में बीएससी करने के बाद पोस्ट ग्रेजुएशन का कोर्स भी किया जा सकता है। इसके तहत डाइटेटिक्स, कार्डियोलॉजिस्ट, पीडियाट्रिक्स, ऑप्थेल्मोलॉजी, ऑथरेपेडिक्स आदि विभिन्न क्षेत्रों में से किसी में भी विशेषज्ञता हासिल की जा सकती है। पोस्ट ग्रेजुएट होने के बाद इस क्षेत्र में एमफिल और पीएचडी करने की भी सुविधा रहती है। अधिकांश अच्छे संस्थानों में दाखिला प्रवेश परीक्षा के आधार पर लिया जाता है।
कुछ प्रमुख संस्थान
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, कॉलेज ऑफ नर्सिंग, नई दिल्ली
वेबसाइट: www.aiims.edu
डॉं राम मनोहर लोहिया अस्पताल, स्कूल ऑफ नर्सिंग, नई दिल्ली
वेबसाइट: www.rmlh.nic.in
जामिया हमदर्द कॉलेज ऑफ नर्सिंग, नई दिल्ली
वेबसाइट: www.jamiahamdard.edu
वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज एंड सफदरजंग हॉस्पिटल, नई दिल्ली
वेबसाइट: www.vmmc&sjh.nic.in
मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज, नई दिल्ली
वेबसाइट: www.mamc.ac.in
छत्रपति शाहूजी महाराज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ
वेबसाइट: www.kgmcindia.edu
इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, वाराणसी
वेबसाइट: www.bhu.ac.in
केएनएच मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, भागलपुर, बिहार
वेबसाइट: www.knhmchbgp.org
क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, लुधियाना, पंजाब
वेबसाइट: http://cmcludhiana.org
कहां है नौकरी के अवसर
हेल्थ सर्विस के बढ़ते नेटवर्क और सरकारी योजनाओं के कारण देश में नर्सों की मांग लगातार बढ़ रही है। बतौर नर्स किसी प्रोफेशनल को अस्पताल, नर्सिग होम, क्लिनिक, हेल्थ डिपार्टमेंट, पुनर्वास गृहों, मिल्रिटी ठिकानों, इंडस्ट्रियल हाउसेज, कारखानों, रेलवे और पब्लिक सेक्टर के मेडिकल डिपार्टमेंट, ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट आदि में काम करने का अवसर मिलता है। एक नर्सिंग प्रोफेशनल को कई रूपों में सेवा के अवसर मिलते हैं, जैसे एडल्ट नर्स, मेंटल हेल्थ नर्स, चिल्ड्रन नर्स, डिस्ट्रक्टि नर्स, हेल्थ विजिटर, स्कूल नर्स, हेल्थ केयर असिस्टेंट, लर्निंग डिसेबिलिटी नर्स, नियोनेटल नर्स, टीचिंग असिस्टेंट आदि। कुछ वर्षों का अनुभव हो जाने के बाद टीम को लीड करने का मौका भी मिलता है।
वेतन व सुविधा
निजी नर्सिंग होम्स में काम करने वाली नर्सों को शुरुआती दौर में 10,000 से 15,000 रुपए तक मिलते हैं, वहीं सरकारी अस्पतालों में काम करने वाली नर्सों को 35,000 रुपए तक मासिक वेतन मिलता है। इसके अलावा कुछ अस्पताल फ्री-मेडिकल ट्रीटमेंट तथा रहने-खाने की सुविधा आदि भी प्रदान करते हैं।