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मिट्टी में मौजूद कार्बन को अंदर रोकने से कम होगी दुनिया की गर्मी !

कार्बन उत्सर्जन की वजह से जल से लेकर ज़मीन तक दूषित हैं। अब वैज्ञानिक कह रहे हैं कि मिट्टी में जमा कार्बन को अगर बाहर आने से रोक दिया जाए तो दुनिया में बढ़ती गर्मी कम हो सकती है।
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अगर बढ़ती गर्मी से राहत चाहते हैं तो ज़मीन की मिट्टी से ज़्यादा छेड़ छाड़ न करें तो ही बेहतर है। नई रिसर्च यही कह रही है।

ज़मीन को ठंडा रखने में मिट्टी का काफी महत्व है। लेकिन हाल के एक शोध में पता चला है कि मिट्टी में मौजूद कार्बन के वातावरण में जाने से जलवायु परिवर्तन हो रहा है। यही वजह है कि धरती तेज़ी से गर्म होती जा रही है। ये शोध अमेरिका के सेन्ट्रल फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी में किया गया।

वैज्ञानिक अब इस जुगत में लगे हैं कि मिट्टी के कार्बन के तेज़ी से हो रहे वाष्पीकरण को कैसे रोका जाए ?

आईसीएआर- सेन्ट्रल स्वाइल सैलिनिटी रिसर्च इंस्टिट्यूट यानी केंद्रीय मृदा लवणता अनुसन्धान संस्थान के वैज्ञानिक डॉ संजय अरोड़ा कहते हैं, “ज़मीन में कार्बन जितना बढ़े अच्छा है लेकिन उसका निकल कर वातावरण में जाना ख़तरनाक है।”

“कार्बन को हमने खुद वातावरण में फैलाया है और फैला रहे हैं, पहले हाथों से हल चलाते थे, जरूरत के मुताबिक पानी और मिट्टी खोदते थे अब आधुनिक मशीने ज़मीन की मिट्टी को पूरा खोद डालती हैं। फर्टिलाइज़र का इस्तेमाल तो धड्ड्ले से हो रहा है, अगर हमें कार्बन को बाहर फैलने से रोकना हैं तो ज़मीन की जरूरत को समझना होगा। कार्बन ज़मीन के लिए जरुरी हैं जो जीवाणु ज़मीन में हैं वो उसी पर निर्भर हैं। “डॉ संजय ने गाँव कनेक्शन को बताया।

ज़मीन में कार्बन को रोके रखने के लिए ये करें

डॉ संजय अरोड़ा के मुताबिक इन उपायों से कार्बन को ज़मीन से बाहर जाने से रोका जा सकता है।

  • खेत में कम से कम जुताई करें। इससे नीचे की मिट्टी का ऊपरी वातावरण से कम संपर्क होगा और कार्बन नहीं फैलेगा ।
  • बेहतर है खेतों में जैविक खाद का इस्तेमाल हो, फर्टिलाइजर का इस्तेमाल नहीं करें।
  • बची फसल या अनाज को बाहर नष्ट न करें ज़मीन के अंदर डाल दें।
  • ध्यान रखें खेत में नमी ज़्यादा न हो।
  • मिट्टी को बचाने के लिए मेड़बंदी कर सकते हैं।
  • बीज के लिए उतनी मिट्टी ही खोदे जितने की ज़रूरत है।

मिट्टी के लिए क्या करता है कार्बन ?

मृदा (कई ठोस, तरल और गैसीय पदार्थों का मिश्रण जो ज़मीन के सबसे ऊपरी स्तर में होता है) कार्बन खनिजीकरण के जरिए पोषक तत्वों को एक स्रोत देता है, भौतिक क्षरण के लिए लचीलापन देने के लिए मिट्टी के कणों (संरचना) को जुटाने में मदद करता है, माइक्रोबियल गतिविधि को बढ़ाता है, पौधों के लिए जल भंडारण और उपलब्धता को बढ़ाता है, और मिट्टी को कटाव से बचाता है।

पौधे मिट्टी में कार्बन कैसे बढ़ाते हैं ?

प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया के माध्यम से, पौधे कार्बन को आत्मसात करते हैं और श्वसन के माध्यम से इसका कुछ हिस्सा वायुमंडल में लौटा देते हैं। जो कार्बन पौधों के ऊतकों के रूप में रहता है, उसे जानवरों द्वारा खा लिया जाता है या पौधों के मरने और विघटित होने पर कूड़े के रूप में मिट्टी में मिला दिया जाता है।

अमेरिका के वैज्ञानिक मिट्टी के कार्बन को वाष्पीकृत होकर ग्रीन हाउस गैस कार्बन डाईआक्साइड में बदलने से रोकने का रास्ता खोज रहे हैं। उनका मानना हैं कि जैसे जैसे कार्बन डाईआक्साइड वातावरण में बढ़ता है गर्मी बढ़ जाती है।

नासा का भी कहना है कि इस साल धरती का तापमान सबसे अधिक रिकॉर्ड किया गया है जो चिंता की बात है।

एक खेत की मिट्टी के नमूने में वैज्ञानिकों ने पाया कि ऑर्गेनिक मिट्टी धरती के केवल 1.3 प्रतिशत हिस्से में थी, लेकिन इसमें 23 प्रतिशत तक कार्बन मौजूद था। शोध में पाया गया कि खनिज से जुड़े कार्बनिक पदार्थ वायुमंडल में कार्बन की कम मात्रा छोड़ते हैं क्योंकि यह रोगाणुओं द्वारा अलग अलग होने के प्रति कम संवेदनशील होता है।

गाद और खनिज की वजह से मिट्टी में कार्बन की मौजूदगी लम्बे समय तक रहती है। लेकिन कई स्थानों पर अब मिट्टी में कार्बन लगभग कम हो गई है।

विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) पहले ही इस बात पर चिंता जता चुका है कि इंसानों ने वातावरण को गर्मी रोकने वाली गैसों से इतना भर दिया है कि पृथ्वी बीमार है और जलवायु अनिश्चितता की स्थिति में है। 

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