लखनऊ। योगी सरकार ने कृषिक्षेत्र में विकास करने के उद्येश्य से सोलर पंप योजना की शुरुआत की है। 14 मार्च 2016 को उत्तर प्रदेश में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में मोबाइल सोलर संयंत्र एंव पंप योजना को मंजूरी दी गई थी, जिससे किसान न केवल सिंचाई व्यवस्था में बदलाव ला पाएंगे बल्कि सोलर पंप पर किसानों को खर्च करने की भी जरुरत नहीं पड़ेगी। जी हां, योजना के तहत 10 हजार गाँवों में सोलर पंप लगाने की योजना बनाई गई है। जिससे एक सोलर पंप के जरिए कई किसानों की परेशानियां खत्म हो सकेगी।
उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने पांच सितंबर को ट्वीट द्वारा इस योजना के बारे में जानकारी देते हुए लिखा था कि 2 और 3 हॉर्स पावर के सोलर पंप पर 70 फीसदी की सब्सिडी और 5 हॉर्स पावर के सोलर पंप पर 40 फीसदी की सब्सिडी किसान भाईयों को दी जाएगी।
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उन्होंने अपने अगले ट्वीट में लिखा था कि पिछले तीन सालों में 10 हजार पंप किसानों को मिले। योगी सरकार पांच साल में 50 हजार सोलर पंप उपलब्ध कराएगी।
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योजना के तहत ट्राली, 3000 वाट सोलर पैनल, फिक्सर, 3 एचपी सरफेस मोनो ब्लॉक पंप, वीएफडी, कंट्रोल बॉक्स, फ्लैक्सी डिलीवरी पाइप, फ्लैक्सी वायर, सक्शन पाइप इत्यादि किसानों को उपलब्ध कराए जाएंगे। इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान अपने जिले के जिला कृषि अधिकारी से सम्पर्क कर सकते हैं।
योजना लागू का उद्देश्य
किसान खेतीबाड़ी के लिए पहले से ही सिंचाई व्यवस्था एकत्रित कर सकते है इसके लिए सबसे अच्छा विकल्प सोलर वॉटर पंप साबित हो सकता है। वहीं योजना लागू करने का प्रमुख उद्देश्य कृषि क्षेत्र में विकास करना है। योजना के तहत वॉटर पंप प्रदेश के 10 हजार किसानों में पैनल मॉडल सिस्टम के तहत बांटे जाएंगे। यह योजना केवल किसानों के लिए लागू की गई है।
योजना संबंधी महत्वपूर्ण बिंदु
योजना के तहत लघु एवं सीमान्त किसानों को 60 प्रतिशत, लघु सीमान्त किसानों के समूह एवं स्वंय सहायता सहायता समूह को 50 प्रतिशत तथा अन्य किसानों को 35 प्रतिशत अनुदान राज्य सरकार द्वारा दिया जा रहा है।
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यूपी सरकार किसानों को दो हॉर्सपावर, तीन हॉर्सपावर और पांच हॉर्सपावर वाले सोलर पंप अनुदान दे रही है। इसमें दो और तीन हॉर्सपावर वाले पंपों पर 75 फीसदी और पांच हॉर्सपावर वाले सोलर पंप पर 50 प्रतिशत अनुदान पर लाभार्थी को दिया जा रहा है।
पंजीकरण प्रक्रिया
लाभार्थी को योजना का लाभ उठाने के लिए सबसे पहले एक आवेदन पत्र भरना होता है। आवेदन पत्र भरने से पहले पारदर्शी योजना में अपना पंजीकरण करना जरूरी है। एक बार पंजीकरण हो जाने पर पंजीकरण संख्या मिलती है। जिसे किसान को अपने पास सुरक्षित रखना पड़ता है।
संख्या के जरिए ही किसान सोलर वाटर पंप के लिए आवेदन कर सकता है। बड़ी बात ये है कि ये आवेदन किसान या आवेदनकर्ता कभी भी कर सकता है।
आवेदन हेतु जरूरी दस्तावेज़
- बैंक पासबुक
- पहचान पत्र की फोटोकॉपी
- किसानों को पंजीकरण कराने के लिए अपने साथ खतौनी यानि की भूमि अभिलेख की कॉपी या असली दस्तावेज़।