ठंड के मौसम में मुर्गियों के रख-रखाव का विशेष ध्यान रखना चाहिए। अगर मुर्गीपालक मुर्गियों को ठंड से बचाएंगे तो अच्छा उत्पादन लेकर अधिक लाभ कमा सकेंगे। ठंड शुरू होने के पहले सप्ताह में चूजों को रानीखेत (आरडी) का टीका लगवाएं तथा पानी में विटामिन ‘ए’ का प्रयोग अधिक मात्रा में करें।
मुर्गी घरों के अंदर संतुलित गर्माहट बनाए रखने के लिए कुछ व्यवस्था करनी चाहिए, जिससे बाहर के वातावरण का प्रभाव मुर्गियों पर कम हो।
जाड़ें के दिनों में पीने के लिए जो पानी मुर्गियों को दिया जाता है उसे एक बड़े ड्रम में या बाल्टी में घर के अंदर ही दस से 12 घंटे पहले रख लेना चाहिए ताकि उसका तापमान घर के तापमान के बराबर हो जाए।
जाड़े के मौसम में मुर्गी घरों में 90 डिग्री से 85 डिग्री फेरेनहाइट का तापमान रखना चाहिए। मुर्गी के बाड़े के अंदर ठंडक से बचाने के लिए जो पर्दे लगाए जाते हैं, उन्हें ऊपर की तरफ से लगभग छह इंच तक खुला रखना चाहिए।
मुर्गी आवास की सफाई
जाड़े का मौसम आने से पहले ही पुराना बुरादा, पुराने बोरे, पुराना आहार एवं पुराने खराब पर्दे आदि अलग कर देना चाहिए या जला देना चाहिए। आस-पास रुका पानी निकाल देना चाहिए और उस जगह पर ब्लीचिंग पाउडर या चूना का छिड़काव कर दें। फार्म के चारों तरफ ऊगी घास, झाड़, आदि को हटा देना चाहिए। जिस गोदाम में मुर्गियों का दाना रखा हो वहां की सफाई करनी चाहिए और कॉपर सल्फेटयुक्त चूने के घोल से पुताई कर देना चाहिए।
दाने और पानी की खपत
ठंड के मौसम में दाने की खपत बढ़ जाती है यदि दाने की खपत बढ़ नहीं रही है तो इसका मतलब है कि मुर्गियों में किसी बीमारी का प्रकोप चल रहा है। जाड़े में मुर्गियों के पास दाना हर समय उपलब्ध रहना चाहिए। इस मौसम में पानी की खपत बहुत ही कम हो जाती है क्योंकि पानी हमेशा ठंडा बना रहता है इसलिए मुर्गी इसे कम मात्रा में पी पाती हैं इस स्थिति से बचने के लिए मुर्गियों को बार-बार शुद्ध ताजा पानी बदलकर देते रहना चाहिए।
ध्यान देने वाली बात
मुर्गियों के बाड़े के अंदर इमली का कोयला या लकड़ी जलाकर गर्मी पैदा करना हानिकारक हो सकता है ऐसी चीजों को घर के बाहर जलाया जा सकता है।
संकलन : दिति बाजपेई