ख़बर थोड़ी अतरंगी है लेकिन आपके काम की है। अब अगर आवारा कुत्ते ने आपको काट लिया है तो सरकार को आपको हर्जाना देना होगा।
जी हाँ , कुत्ते के काटे जाने पर प्रति दाँत के निशान के आधार पर 10 हज़ार रुपये और घाव के लिए प्रति 0.2 सेंटीमीटर पर 20 हज़ार रुपये का मुआवजा देने का हाई कोर्ट ने आदेश दिया।
अगर घाव बड़ा है, यानी 0.4 सेंटीमीटर है तो हर्जाना 40 हज़ार का होगा। कोर्ट ने अपने आदेश में ये भी कहा है कि ऐसे मामलों का निपटारा चार महीने के अंदर हो जाना चाहिए।
पुलिस के लिए आदेश
जब सड़क/जंगली जानवर से हुए दुर्घटना की सूचना प्राप्त हो, तो SHO को बिना किसी व्यवस्था के एक DDR तैयार करवाना चाहिए।
पुलिस अधिकारी को दावे की जाँच करने के अलावा पीड़ित से बात कर पूरी जानकारी और गवाहों का बयान भी दर्ज करना होगा।
इस रिपोर्ट की एक प्रति को दावादाता को भेज देना चाहिए।
इस सूचना प्राप्ति की तारीख से 30 दिनों के भीतर इस रिपोर्ट को पेश करना होगा।
न्यायमूर्ति विनोद एस. भारद्वाज ने उच्च और जंगली जानवरों के बढ़ते खतरे पर चिंता जताते हुए कहा, “ऐसे कई मामले हर साल रिपोर्ट हो रहे हैं और यहाँ तक कि न्यायालयों में याचिका भी दाखिल हो रही हैं, राज्य ने समस्या का सामना करने का कोई इरादा नहीं दिखाया है; हर दिन लोगों को चोट लग रही है और घातक घटनाओं को कम दर्ज करके समस्या की गंभीरता को कम करने का प्रयास कर रहे हैं।”
पंजाब और हरियाणा में आवारा कुत्तों के हमलों के मामलों के चलते कोर्ट ने आदेश दिया। हाई कोर्ट ने इस फैसले के बाद 193 याचिकाओं का निपटारा किया। भारत में रेबीज के प्रतिरोध और नियंत्रण के संघ (एपीसीआरआई) के अनुसार, भारत में हर साल 1.7 करोड़ कुत्ते काटते हैं।
कोर्ट ने यह भी कहा कि ऐसे मामलों की जाँच के लिए जल्दी से जल्दी एक कमेटी का गठन होना चाहिए, जिसके चेयरमैन उस जिले के डिप्टी कमिश्नर रहेंगे, वही कमेटी में एसपी/डिप्टी एसपी ( ट्रैफिक), एसडीएम के साथ साथ कुछ और अधिकारी भी रहेंगे।
देश में आवारा कुत्ते चर्चा का विशेष तब बने जब 49 साल के पराग देसाई जो वाघ बकरी टी ग्रुप के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर थे, उनकी मृत्यु ब्रेन हेमरेज से हुई, जिसकी वजह आवारा कुत्तों का उन पर हमला था।