अगर आप भी किसी और के नाम पर सिम का इस्तेमाल कर रहे हैं तो सावधान हो जाइए।
फर्ज़ी सिम लेने के आरोप में 3 साल जेल और 50 लाख तक का जुर्माना देना पड़ सकता है।
लोकसभा में 20 दिसंबर को नया टेलीकम्युनिकेशन बिल 2023 पास हो गया। इस बिल को अब फाइनल रिव्यू के लिए राज्यसभा में भेजा गया है।
टेलीकम्युनिकेशन बिल 2023 में टेलीकॉम कंपनियों को सिम कार्ड जारी करने से पहले अनिवार्य रूप से बायोमेट्रिक पहचान करने को कहा गया है।
यह बिल सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से किसी भी टेलीकॉम सर्विस या नेटवर्क के टेक ओवर, मैनेजमेंट या उसे सस्पेंड करने की इजाज़त देगा। यानी, युद्ध जैसी स्थिति में ज़रूरत पड़ने पर सरकार टेलीकॉम नेटवर्क पर मैसेज को इंटरसेप्ट कर सकेगी।
क्या-क्या इससे बदल जाएगा?
नए बिल से लाइसेंसिंग सिस्टम में भी बदलाव आएगा।
अभी तक सर्विस प्रोवाइडर्स को कई तरह की सर्विस के लिए अलग-अलग लाइसेंस, अनुमति और पंजीकरण लेना पड़ता है। ऐसे 100 से अधिक लाइसेंस या पंजीकरण हैं जो टेलीकॉम डिपार्टमेंट जारी करता है।
इसके साथ ही मोबाइल उपभोक्ताओं की सबसे बड़ी शिकायत प्रमोशनल कॉल्स को लेकर रहती है।
आप भी अक्सर इस समस्या से हर रोज परेशान रहते होंगे। अब इस समस्या से निजात दिलाने के लिए भी सरकार ने इस बिल में प्रावधान किया है।
इस बिल में कहा गया है कि ऐसे कॉल और मैसेज भेजने से पहले उनकी सहमति लेनी होगी। इसमें यह भी बताया गया है कि टेलीकॉम सर्विसेज देने वाली कंपनी को एक ऑनलाइन मैकेनिज्म बनाना होगा, जिससे यूजर्स अपनी शिकायत ऑनलाइन दर्ज करा सके।
किसी भी सिम को बेचने वाले व्यापारी की पुलिस वेरिफिकेशन की ज़िम्मेदारी टेलीकॉम ऑपरेटर्स की होगी। नियमों की अनदेखी करने पर 10 लाख का जुर्माना देना पड़ सकता है।