चुनाव सुधार से जुड़ा बिल लोकसभा से पास हो गया है, इसमें वोटर कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ने की बात है। बिल में वोटर लिस्ट में दोहराव और फर्जी मतदान रोकने के लिए वोटर ID और लिस्ट को आधार कार्ड से जोड़ने का प्रावधान है।
चुनाव कानून संशोधन विधेयक, 2021 सोमवार को लोकसभा में पास हो गया। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले हफ्ते बुधवार को चुनाव सुधारों से जुड़े इस विधेयक के मसौदे को मंजूरी दी थी।
कानून मंत्री किरण रिजिजू ने बिल को लोकसभा में पेश किया। बिल को पेश करते हुए कानून मंत्री ने कहा कि सदस्यों ने इसका विरोध करने को लेकर जो तर्क दिया, वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले को गलत तरीके से पेश करने का प्रयास है। यह बिल सुप्रीम कोर्ट के फैसले के हिसाब से ही है।
Lok Sabha passes The Election Laws (Amendment) Bill, 2021. The bill enables the linking of electoral roll data with the Aadhaar ecosystem to curb the menace of multiple enrollment of the same person in different places. pic.twitter.com/1QQmXg3iAt
— Prasar Bharati News Services पी.बी.एन.एस. (@PBNS_India) December 20, 2021
विधेयक को लेकर कांग्रेस, टीएमसी, एआईएमआईएम, आरएसपी और बसपा समेत कई विपक्षी पार्टियों ने सदन में जमकर हंगामा भी किया। लोकसभा में बिल पर बहस के दौरान कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि आधार एक 12 अंकीय विशिष्ट पहचान संख्या हैं, जिसमें नागरिकों की बायोमेट्रिक और जनसांख्यिकीय जानकारी शामिल है। आधार केवल निवास का प्रमाण होना चाहिए, यह नागरिकता का प्रमाण नहीं हो सकता है।
उन्होंने कहा कि अगर आप वोटर्स से आधार मांग रहे हैं तो आपको केवल एक दस्तावेज मिलेगा, जो नागरिकता नहीं बल्कि उसका निवास बताता है। ऐसा करके आप संभावित रूप से गैर-नागरिकों को भी मतदान का अधिकार दे रहे हैं।
कांग्रेस पार्टी केनेता मनीष तिवारी ने कहा, “वोटर आईडी और आधार को जोड़ने से निजता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन होता है जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में परिभाषित किया है।”
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि केंद्र कानून लाकर चुनाव आयोग की स्वतंत्रता को कम कर रहा है।
Opposed government’s proposal to link electoral rolls with AADHAAR. It’ll allow the government in power to profile and disenfranchise voters. It is a dangerous proposal that will damage secrecy of ballot & universal franchisepic.twitter.com/f8dsYb4gyr
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) December 20, 2021
इस विधेयक के द्वारा जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 में संशोधन करने का प्रस्ताव दिया गया है। केंद्रीय मंत्री ने लोकसभा में कहा कि इस विधेयक को लेकर विपक्ष ने विरोध के पीछे जो तर्क दिया है वह सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को गलत तरह से पेश करने की कोशिश है और यह बिल अदालत के निर्णय के अनुरूप तैयार किया गया है।