लखनऊ। कई बार हमारे काम इसलिये लेट हो जाता है क्योंकि हमारे पास पूरे डाक्युमेंट नहीं होते है। सबसे ज्यादा परेशानी सरकारी विभागों या ऑनलाइन आवेदन करने में आती है। आज हम आपको ऐसे 5 डाक्युमेंट के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे आप के सारे काम आसान हो जाएंगे चाहे वो होम लोन हो, मैरिज रजिस्ट्रेशन होे या फिर पर्सनल लोन ये सारी सुविधाएं आप आसानी से ले सकेंगे।
ड्राइविंग लाइसेंस
ड्राइविंग लाइसेंस रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस बनाता है। ड्राइविंग लाइसेंस का मकसद आपको ड्राइविंग के लिये इजाजत देना है। लाइसेंस पाने के बाद आप देश में कहीं भी गाड़ी चलाने के लिये वैलिड हो जाते है। डीएल हर सरकारी काम में आइडेंटिटी कार्ड के रूप में मान्य होता है। 18 वर्ष की उम्र के बाद ही डीएल जारी किया जाता है। एक्सिडेंट के समय अगर आप के पास डीएल नहीं है तो आपको क्लेम मिलने पर दिक्कत हो सकती है।
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पासपोर्ट
पासपोर्ट विदेश मंत्रालय द्वारा जारी किया जाता है। इसके जारी होने के बाद आप विदेश जा सकते हैं। पासपोर्ट एक ऐसा डाक्यूमेंट है जो आपकी आइडेंटिटी और एड्रेसप्रूफ के तौर पर इस्तेमाल होता है। इसके अलावा आप उन देशों में वीजी फ्री एंट्री पा सकते है जहां वीजा आन अराइवल होता है। इसे आपकी आइडेंटिटी के लिए वैलिड भी माना जाता है क्योंकि इसे समय-समय पर री-ईश्यू कराना होता है।
पैन कार्ड
पैनकार्ड इन्कम टैक्स डिपार्टमेंट जारी करता है। इसकी मदद से फाइनेंशिएल ट्रांजेक्शन को ट्रैक किया जाता है। पैनकार्ड पर्मानेंट अकाउंट नंबर या पैन 10 डिजिट का अल्फान्यूमेरिक नंबर होता है। इसे हर फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन में यूज किया जाता है। इसे किसी भी बैकिंग लेनदेन या फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन के लिये इस्तेमाल किया जाता है। पैन नंबर न होने पर बैंक आप पर 20 फीसदी का विथड्राल टैक्स लगा सकता है। 2 लाख से ज्यादा की खरीददारी पर पैन जरूरी होता है। ये आपकी आइडेंटिटी कार्ड के तौर पर भी यूज होता है।
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वोटर कार्ड
वोटर कार्ड चुनाव आयोग द्वारा बनाया जाता है। इससे आप वोट डालने के लिये इलिजिबल हो जाते है। इसके अलावा कोई सरकारी सेवा लेते समय भी ये आइडेंटिटी कार्ड के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। आपके रेसिडेंस प्रूफ का भी काम करता है।
आधार कार्ड
आधार कार्ड युनीक आइडेंटिफिकेशन अथारिटी ऑफ इंडिया जारी करता है। इसका मकसद आइडेंटिटी का वेरीफिकेशन होना होता है। आधार 12 डिजिट का एक नंबर होता है, जिसमें आपकी बायोमैट्रिक और पर्सनल डिटेल दर्ज होती है। अगर आपके पास आधार नहीं है तो आप किसी भी सरकारी सब्सिडी के हकदार नहीं हैं। म्यूचुअल फंड से लेकर इंश्योरेंस लेने तथा केवाईसी के लिये, ऑनलाइन इन्कम टैक्स रिटर्न दाखिल करने के लिये, पासपोर्ट बनवाने के लिये इसका इस्तेमाल किया जाता है।
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