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अकांउट में पैसे न हों तभी होगा चेक बाउंस ऐसा ज़रूरी नहीं, ये भी हाे सकते हैं कारण

Banking

लखनऊ। आपने कभी अपने एकाउंट में चेक लगाया है? अगर पैसा आपके एकाउंट में आ गया तो ठीक, अगर नहीं आया तो हम समझ लेते है कि एकाउंट में बैलेंस न होने के कारण चेक बाउंस हो गया है लेकिन ऐसा नहीं है। चेक बाउंस होने के और भी कारण होते हैं। हम आपको बताते हैं किन कारणों से होता है चेक बाउंस….

कम बैलेंस होना

अगर आपके अकाउंट में चेक पर लिखी राशि से कम बैलेंस है, तो आपका चेक बाउंस हो जाएगा। अकाउंट में राशि शून्य होने पर ही चेक बाउंस हो, ये जरूरी नहीं है।

जब फ्रीज हो जाए अकाउंट

अगर आपका अकाउंट किसी कारण से फ्रीज हो जाए तब भी आपका चेक बाउंस हो सकता है। अकाउंट फ्रीज होने के कई कारण हो सकते हैं। फ्रीज अकाउंट में पैसे होने पर भी चेक बाउंस हो जाएगा।

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हस्ताक्षर

बैंक हमारे हस्ताक्षर की एक प्रति अपने पास सेव करके रखता है। जब भी चेक के जरिये पैसा ट्रांसफर किया जाता है तो कैशियर द्वारा आपके सिग्नेचर का मिलान किया जाता है हस्ताक्षर न मिलने पर भी आपका चेक बाउंस हो सकता है।

चेक पर काटपीट करने पर भी हो सकता है बाउंस

अगर आपने किसी के नाम चेक काटा और गलती से आपने उसका नाम, तारीख या अमाउंट गलत लिख दिया और बाद में काट कर सही किया। इस स्थिति में भी बैंक आपका चेक बाउंस कर सकता है।

तीन महीने होती है चेक की अवधि

किसी भी मल्टीसिटी चेक की वैलिडीटी 3 महीने की होती है। अगर आपने 3 महीने पुराना चेक बैंक में जमा किया है, तो बैंक आपका चेक बाउंस कर सकता है।

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देना पड़ सकता है दोगुना अर्थदंड

अधिवक्ता धवल श्रीवास्तव के अनुसार, निगोशिअबल इन्स्ट्रूमेंट एक्ट, 1881 की धारा 138 के तहत चेक बाउंसिंग एक अपराध है। अगर चेक बाउंस होता है तो न्यायालय द्वारा चेक धारक को जितनी राशि की चेक काटा है उस राशि से दो गुना तक का अर्थदंड या फिर परिस्थितियों के अनुसार जेल की सजा का भी प्रावधान है।

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