इस योगासन में बैठते ही पच जाता है खाना, जानें इसे करने का तरीका

योग में वज्रासन ही ऐसा आसन है जिसे खाना खाने के बाद भी किया जा सकता है। इसके अभ्यास से शरीर दुरुस्त रहता है और पाचन शक्ति मज़बूत होती है।
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अगर आप चाहते हैं कि शरीर में फ्लैक्सिबिलिटी बनी रहे और पाचन तंत्र भी ठीक रहे तो वज्रासन से बेहतर कुछ नहीं है ।

वज्र का अर्थ आकाशीय बिजली या हीरा होता है जबकि आसन का अर्थ है बैठना।

यूँ तो योगासन का अभ्यास खाली पेट ही करना चाहिए लेकिन वज्रासन एक ऐसा आसन है जिसे आप खाना खाने के बाद कर सकते हैं। इस आसन का अभ्यास खाना खाने के दस मिनट बाद अपनी क्षमतानुसार कर सकते हैं।

इसके नियमित अभ्यास से पेट और पाचनतंत्र से जुड़ी हर बीमारी को धीरे धीरे ठीक किया जा सकता है।

कैसे करें वज्रासन

दोनों पैरों को मोड़कर घुटनों के बल आसन में बैठ जाएँ , अब अपने हिप्स को अपनी एड़ी पर रख लें।

इस स्थिति में आपके दोनों पैरों के अंगूठे आपस में मिले हुए होंगे।

अपना मेरुदंड, गर्दन और सिर को एक सीध में रखें और हथेलियों को अपनी जांघों पर रखें। स्वास सामान्य रूप से लेते रहें और अपनी क्षमतानुसार आसन में बने रहें।

अगर आप पहली बार वज्रासन का अभ्यास कर रहें हैं तो हो सकता है पैरों या घुटनों में दर्द हो। इसके लिए आप पैरों को सीधा करके दण्ड अवस्था या स्ट्रेचिंग कर सकते हैं।

वज्रासन के लाभ

वज्रासन के नियमित अभ्यास से पाचनक्रिया सुधरती है और कब्ज़ की शिकायत भी दूर होती है।

पीठ और रीढ़ की हड्डी मज़बूत होती है।

पेल्विक मांसपेशियों को मज़बूत बनाता है।

जाँघ की मांसपेशियों को मज़बूती प्रदान करता है।

सावधानी

जिनके घुटने कमज़ोर हों, गठिया हो या हड्डियां कमज़ोर हों , वे वज्रासन का अभ्यास न करें।

यदि आपको स्वस्थ्य सम्बन्धी कोई भी समस्या हो तो, आसन को करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। 

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