बीएलओ की ओर से कई मतदाताओं को पहचान पत्र न देने या किसी दूसरे व्यक्ति को पहुंचाने की जिम्मेदारी देने या फिर वोटर आईडी के बदले रुपए की डिमांड करने की शिकायतें नहीं मिलेंगीं। निर्वाचन विभाग अब खुद ही पंजीकृत डाक से घर के पते पर पहचान पत्र भेजेगा। प्रदेश के कई जिलों में यह प्रक्रिया शुरू भी हो गई है।
उत्तर प्रदेश के जिला कन्नौज निर्वाचन विभाग में तैनात संजीव विसारिया बताते हैं कि “जनपद के 2792 मतदाताओं के पहचान पत्र पंजीकृत डाक से भेज दिए गए हैं। इत्रनगरी में अब बीएलओ के जरिए नहीं, बल्कि डाक से ही वोटर आईडी लोगों के घर के पते पर भेजने का काम शुरू हो गया है। डाक विभाग का आने वाला खर्च भी निर्वाचन विभाग ही उठाएगा।”
उन्होंने बताया कि “पहले चरण में 2792 रंगीन वोटर आईडी कार्ड मतदाताओं के पते पर पंजीकृत डाक से भेज दिए गए हैं। यह सभी रंगीन हैं। अब ब्लैक एंड व्हाइट पहचान पत्र नहीं बनते हैं।” आगे बताया कि “पहली खेप में जुलाई में बने वोटर आईडी कार्ड जारी हुए हैं। हर महीने पहचान पत्र जारी होते हैं।”
उन्होंने बताया कि “अब बीएलओ यानि बूथ लेवल ऑफिसर से पहचान पत्र नहीं भेजे जाएंगे। डाकिया ही वोटरों को लिफाफा देगा। यह लिफाफा निर्वाचन विभाग की ओर से तैयार कराया गया है। रजिस्ट्री डाक और लिफाफे का पूरा खर्च भी विभाग उठाएगा।”
“निर्वाचन आयोग ने निर्णय लिया है कि मतदाताओं को पहचान पत्र जिले से पंजीकृत डाक से भेजे जाएं। कई तरह के चुनाव में ड्यूटी व वोटर लिस्ट बनाने आदि में बीएलओ को दिक्कत भी होती रहीं। साथ ही कई बार मतदाताओं की ओर से बीएलओ की शिकायतें भी आती हैं कि उनका पहचान पत्र नहीं दिया गया या रुपए की मांग हुई। फीड बैक लेने के बाद चुनाव आयोग ने निर्णय लिया है। आधारकार्ड समेत अन्य प्रपत्र भी डाक से आते हैं।” बिनीत कटियार, सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी कन्नौज