अक्टूबर की गुलाबी ठंड ख़ूब ख़ुशनुमा मौसम लेकर आती है। त्यौहार भी इसी मौसम में शुरू हो जाते हैं और हम सर्दियों का इंतज़ार करने लगते हैं। ख़ूब अच्छा अच्छा खाना, अदरक वाली चाय और रज़ाई में घुसकर बैठना याद आने लगता है और कभी कभी तो ज़ुकाम हो जाता है। सर्दी ज़ुकाम तो जैसे बदलते मौसम की सौग़ात बनकर बिन बुलाए ही आ धमकते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बदलते मौसम में शरीर की प्रतिरक्षा प्रक्रिया कमज़ोर हो जाती है और कीटाणुओं को हमले का मौक़ा मिल जाता है।
कई खाद्य पदार्थ हमारी रोग प्रतिरोधी क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं और इस मौसम में ऐसी कई सब्ज़ियाँ और फल आते हैं जो हमें रोगों के संक्रमण से बचा सकते हैं। आँवला, कच्ची हल्दी, अदरक और हरी मिर्च वग़ैरह कुछ ऐसी चीज़ें हैं जो शरीर की प्रतिरक्षा को मज़बूत करने के साथ साथ रोगों से लड़ने की क्षमता भी बढ़ाती हैं। आँवला, हल्दी एवं अदरक केएंटी-इन्फ़्लेमेटरी एवं एंटी-ऑक्सीडेंट इन्हें सुपरफूड बनाते हैं और हरी मिर्चें तो विटामिन-सी से भरपूर होती ही हैं।
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आश्चर्य की बात नहीं कि सर्दियों में इन सब्ज़ियों से बने अचार काफ़ी प्रचलित हैं। रोज़ इस तरह के अचार का एक चम्मच भी शरीर की प्रतिरोध क्षमता क़ायम रखने के लिए काफ़ी है। स्वास्थ्य रक्षा के लिए ऐसे स्वादिष्ट तरीक़े ख़ूब कामयाब होते हैं। आप भी आज़मा के देखिये और पूरे परिवार के लिए यह आँवले, हल्दी तथा अदरक का अचार बना डालिए।
सामग्री
१२ आँवले छोटे टुकड़ों में कटे हुए
१२ बड़ी वाली हरी मिर्चें टुकड़ों में कटी हुई
१५० ग्राम ताज़ी हल्दी साफ़ करके गोल टुकड़ों में कटी हुई
१५० ताज़ा अदरक साफ़ करके गोल टुकड़ों में कटा हुआ
३ बड़े चम्मच सरसों का पाउडर
१ बड़ा चम्मच हल्दी पाउडर
१ छोटा चम्मच लाल मिर्च पाउडर
१-१.५ बड़ा चम्मच नमक
विधि
सभी चीज़ों को एक बड़े बर्तन में डालकर अच्छी तरह मिला लें और एक साफ़ सूखे जार में भर लें।
ध्यान रखें कि अचार रखने के लिए काँच का जार ही उपयुक्त रहता है, और अचार रखने से पहले जार को अच्छी तरह साफ़ करके उबलते पानी में थोड़ी देर रखने से यह कीटाणुरहित हो जाता है और इसमें रखा अचार ख़राब नहीं होता।
यह अचार अगले दिन से ही खाने लायक तैयार हो जाता है और धीरे धीरे १५ दिनों में काफ़ी खट्टा होने लगता है। आप चाहें तो इस अचार को खट्टा होने के बाद फ्रिज में रख सकते हैं, अन्यथा इसे ३-४ हफ़्तों में ख़त्म कर दें। फ्रिज में यह अचार ६ महीनों तक चल जाता है।
इस अचार को रोज़ खाएँ और सभी को खिलाएँ। देखिए फिर सर्दी ज़ुकाम किसे परेशान करता है।