बचत योजनाओं पर ऊंची ब्याज दरें अर्थव्यवस्था के लिए ख़तरा: वित्त मंत्री

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
बचत योजनाओं पर ऊंची ब्याज दरें अर्थव्यवस्था के लिए ख़तरा: वित्त मंत्रीgaoconnection

नई दिल्ली (भाषा)। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि बजत योजनाओं पर मिलने वाली ऊंची ब्याज दरों से अर्थव्यस्था के धीमे पड़ने का खतरा है।

पीपीएफ और डाकघर आधारित लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों को कम करने के हाल के फैसले को सही ठहराते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि भारत में ब्याज दरों का स्तर असाधारण रूप से ऊंचा है और अगर ब्याज दरें उंची बनी रहीं तो भारत की अर्थव्यवस्था के दुनिया की सबसे कमज़ोर अर्थव्यवस्था बनने का खतरा है।

वित्त मंत्री ने कहा कि अल्प बचत योजनाओं पर मौजूदा 8.7% की कर-मुक्त ब्याज दर बढ़कर 12-13% तक पहुंच जाती हैं। इसके हिसाब से कर्ज की ब्याज दर 14-15% तक होगी क्यों कि कर्ज़ पर ब्याज जमा योजनाओं से कुछ उपर ही रहता है। उन्होंने कहा, ''लघु बचत योजनाओं पर भारत की ब्याज दरें असाधारण रूप से ऊंचा हैं। ब्याज दर उंची होने से विकास रुक जाता है।''

पीपीएफ निवेशों पर 8.7% कर मुक्त ब्याज दर की मिसाल देते हुए उन्होंने कहा कि कर लाभ को भी मिलाकर देखें तो इस पर ब्याज दर वास्तव में 12.5-13% बैठता है। वित्त मंत्री ने कहा कि दुनिया में आपको कहां 12.5% ब्याज मिलता है। इसलिए अगर जमा दर 12.5% हुई तो कर्ज़ दर क्या होगी, 14-15% प्रतिशत ? अगर कर्ज़ पर ब्याज दर 14-15% हो तो आप दुनिया की सबसे सुस्त अर्थव्यवस्था बन जाएंगे।

जेटली ने कहा कि किसी भी देश में ऐसा नहीं हो सकता कि कर्ज़ पर ब्याज जमा दरें से कम हों और जमा पर ब्याज ऊंचा हों। दोनों एक-दूसरे जुड़े हैं।

 

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.