बढ़ती जा रही हैं स्कूल प्रशासन की मनमानियां

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
बढ़ती जा रही हैं स्कूल प्रशासन की मनमानियांgaonconnection

लखनऊ। निजी स्कूलों पर लगाम न कसने का ही नतीजा है कि निजी स्कूलों की मनमानियां दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही हैं। शिकायतों के बावजूद शिक्षाधिकारी उन पर कार्रवाई से बचते रहे हैं। मनमानी करने वाले स्कूलों में केवल नामी स्कूल ही नहीं बल्कि छोटे दर्जे के स्कूल भी शामिल हैं। 

कभी फीस बढ़ोत्तरी, कभी ड्रेस, कभी कापी-किताबों और स्टेशनरी, कभी स्कूल के शिक्षकों द्वारा ट्यूशन पढ़ने तो कभी रिक्शा और वैन लगाने के लिए अभिभावकों को बाध्य करना निजी स्कूलों के लिए हर रोज की बात हो गयी है। किसी न किसी मद में बढ़ोत्तरी कर अभिभावकों पर अतिरिक्त बोझ डाला जाता है। हाल यह है कि अभिभावकों के पास स्कूल प्रशासन की मनमानी को सहने के सिवा कोई और रास्ता नहीं है।

अभिभावक यदि स्कूल प्रशासन की मनमानी पर सवाल करते हैं या उसको मानने से इंकार करते हैं तो उनको डर रहता है कि उनके बच्चे के साथ स्कूल में दुर्व्यहार किया जा सकता है या कक्षा में बच्चे को नीचा भी दिखाया जा सकता है। अभिभावक यदि किसी तरह आवाज उठाते भी हैं तो उनके बच्चे का नाम स्कूल से काटने की धमकी दी जाती है।

हाल की बात करें तो जानकारी के अनुसार वृन्दावन कालोनी, शहीद पथ स्थित अमृता विद्यालय के कक्षा दो में पढ़ने वाले छात्र का नाम स्कूल से काटने की धमकी सिर्फ इसलिए दी गयी  क्योंकी अभिभावक द्वारा छात्र के स्कूल से घर आने जाने के लिए स्कूल वैन नहीं लगाई गयी थी। स्कूल की प्रधानाचार्य अभिभावक पर वैन लगाने का दबाओ बना रहे थे। जबकि बच्चे का घर स्कूल से चंद कदमों की दूरी पर ही था।

अभिभावक द्वारा स्कूल प्रशासन की बात न मानने के बाद जब बच्चे का नाम काटने की धमकी दी गयी तो स्कूल प्रशासन और अभिभावक के बीच तीखी बहस हुई। पहले तो बच्चे के पिता संतोष ने इस मुद्दे को पुलिस और मीडिया तक पहुंचाया लेकिन बात बढ़ती देखकर यह महसूस होने पर कि इस सब में उसके बच्चे का भविष्य कहीं खराब न हो इसलिए अंत में कहा कि मैं इस मुद्दे पर कोई बात नहीं करना चाहता। उधर स्कूल प्रशासन ने भी इस विषय पर बात करने से मना कर दिया।

स्कूल प्रशासन बनाता है दबाव

सिटी मॉन्टेसरी में कक्षा एक में पढ़ने वाली छात्रा स्कूल से मात्र डेढ़ किमी की दूरी पर रहती है और स्कूल द्वारा संचालित रिक्शे से ही स्कूल आती-जाती है। फिर भी स्कूल प्रशासन द्वारा उसके अभिभावक पर कई बार बच्चे के लिए वैन लगाने का दबाव बनाया गया। ऐसे केवल एक-दो मामले नहीं हैं। 

टाउन हॉल स्कूल में पढ़ने वाले दो बच्चों का नाम उनके अभिभावकों ने सिर्फ इसलिए कटवा लिया क्योंकि स्कूल में पढ़ाने वाली शिक्षका से ट्यूशन पढ़ाने की बाध्यता थोपी गयी थी। स्कूल प्रशासन अपनी मनमानी यूं ही नहीं चलाते। सूत्रों की माने तो स्कूलों की मनमानी डीआईओएस के ऊपर निर्भर है क्योंकि वह जानबूझ कर स्कूलों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं करते हैं। 

डीआईओएस कार्यालय में कार्यरत एक कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि डीआईओएस उमेश त्रिपाठी के पास कई बार अभिभावक शिकायतें लेकर आते हैं लेकिन इसके बावजूद स्कूलों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की जाती क्योंकि डीआईओएस को स्कूलों द्वारा कमाये जाने वाले मुनाफे का हिस्सा पहुंचाया जाता है। इस बारे में जब डीआईओएस से बात करने की कोशिश की गयी तो न वह अपने कार्यालय में नजर आये और न ही उन्होंने फोन उठाने की जहमत की। 

 

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.