अपने घर की सफाई खुद करती हैं मधुमक्खियां

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
अपने घर की सफाई खुद करती हैं मधुमक्खियांआमतौर पर मक्खियों का नाम आते ही गंदगी का ध्यान आ जाता है, लेकिन ऐसा नहीं है मधुमक्खी एक ऐसी मक्खी है जिसे साफ माहौल में रहना बेहद पसंद है।

सुधा पाल, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। आमतौर पर मक्खियों का नाम आते ही गंदगी का ध्यान आ जाता है, लेकिन ऐसा नहीं है, मधुमक्खी एक ऐसी मक्खी है जिसे साफ माहौल में रहना बेहद पसंद है। मधुमक्खी पालक के साथ ये मधुमक्खियां भी अपने बक्से को स्वयं ही साफ रखती हैं।

एक शोध के दौरान पता चला कि सफाई मधुमक्खियों का स्वभाव होता है, ये मक्खियां बक्से में किसी तरह का संक्रमण, रोग या कीट लगने की कोई गुंजाइश नहीं रखती है।
डॉ. नितिन, मधुमक्खी पालन विशेषज्ञ

उनमें होने वाली ज्यादातर बीमारियां रासायनिक कीटनाशक के प्रभाव में आए हुए फूलों से ही मिलती हैं। मधुमक्खियों के व्यवहार और उनके स्वभाव पर शोध करने वाले मधुमक्खी पालन विशेषज्ञ डॉ़. नितिन कुमार सिंह का कहना है, “जिस तरह से हम और आप अपने आस-पास साफ सफाई रखते हैं ठीक उसी तरह से ये मधुमक्खियां भी अपने आस पास की जगह को साफ रखती हैं।” वो आगे बताते हैं, “उनका कहना है कि अगर किसी मक्खी पर किसी भी तरह की कोई गंदगी लगी है तो दूसरी मक्खी उसे साफ करती है। ये मधुमक्खियां अपने बक्से में किसी भी तरह की गंदगी को नहीं रहने देती हैं। पूरे बक्से की भी सफाई कर देती हैं।”

ऐसी सभी बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करके इंस्टॉल करें गाँव कनेक्शन एप

मधुमक्खियों में ज्यादातर रोग और कीट बाहर से आते हैं जब वे परागण करने के लिए अपने बक्सों से निकलती हैं। जहरीले रासायनिक कीटनाशकों के संपर्क में आने से मधुमक्खियों में कई तरह के रोग लग जाते हैं। इसके साथ कई कीटों की चपेट में भी ये मक्खियां आसानी से आ सकती हैं।

इन मधुमक्खियों को बक्से से किसी तरह की बीमारी का लगना मुश्किल है। एक साफ सुथरे बक्से से मक्खियों को रोग नहीं लग सकता है।
डॉ. नितिन, मधुमक्खी पालन विशेषज्ञ

शोध के दौरान एक पिन के जरिए मधुमक्खियों के छत्ते में कुछ जगहों पर छेद किए गए। छेद किए जाने का असर मधुमक्खियों के लार्वा पर पड़ा और बच्चे मर गए। बाद में पाया गया कि मक्खियों ने कुछ ही देर में उन मरे हुए बच्चों (लार्वा) को छेदों से हटा दिया। इससे मरे हुए लार्वा से बक्से में किसी भी तरह का कोई संक्रमण नहीं फैलेगा। बक्से के बाकी बच्चे और मधुमक्खियां सुरक्षित रह सकेंगे।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

     

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.