बगैर लाइसेंस की फैक्ट्री में बन रही सेंवई-कचरी

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बगैर लाइसेंस की फैक्ट्री में बन रही सेंवई-कचरी

बरेली। त्योहारों में नकली माल खपाकर जेबें भरने वाले मिलावटखोरों के खिलाफ चल रहे अभियान में खाद्य विभाग ने परसाखेड़ा इंडस्ट्रियल एरिया की एक और फैक्ट्री पर छापा मारा। बिना लाइसेंस की चल रही इस फैक्ट्री में गंदगी के बीच सेंवई और कचरी बनाई जा रही थी। 

ये सेंवई और कचरी महालक्ष्मी ब्रांड के नाम से बाजारों में खपाने के लिए पैक की जा रही थीं। सेंवई और कचरी के साथ फैक्ट्री में मिले केमिकल कलर और मैदा का सैंपल कर जांच के लिए प्रयोगशाला भेज दिया गया है। रिपोर्ट आने तक सारा माल जब्त कर फैक्ट्री सील कर दी गई है।

परसाखेड़ा औद्योगिक क्षेत्र के रोड नंबर चार पर स्थित एस-58 फैक्ट्री में टीम के पहुंचते ही शास्त्रीनगर निवासी फैक्ट्री संचालक आशीष कुमार गुप्ता ने वहां काम कर रहे मजदूरों को भगा दिया। टीम ने पाया कि फैक्ट्री में बनाई गई कचरी और सेंवई जमीन पर गंदगी में सुखाई जा रहीं थीं। दूसरी ओर एक हाल में फफूंद लगी सेंवई के जगह-जगह ढेर लगे थे। उन्हें चूहे कुतर कर खा रहे थे। जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी अजय जायसवाल ने बताया कि प्रथम दृष्टया जांच में कचरी पर अखाद्य तथा केमिकल कलर लगा हुआ दिख रहा है। यह फैक्ट्री बिना लाइसेंस के भी चल रही थी। साथ ही पैकिंग में मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट भी अंकित नहीं थी, जिसे सील कर दिया गया।

ये सामान जब्त हुआ

खाद्य सुरक्षा अधिकारी अक्षय प्रधान ने बताया कि फैक्ट्री से 1.18 लाख रुपये कीमत की 270 कट्टे कचरी और 2.60 लाख कीमत की 366 कट्टे सेंवई बरामद की गईं हैं। फैक्ट्री के गोदाम और मशीनों को भी सील कर दिया गया है।

पिछले साल पकड़ा था नकली पेंट का कारखाना

परसाखेड़ा में खाद्य पदार्थ ही नहीं, बल्कि नकली पेंट बनाने का कारखाना भी चलता था। पिछले साल पुलिस ने छापा मारकर नकली पेंट बनाने का कारखाना भी पकड़ा गया था। परसाखेड़ा में करीब दर्जन भर खाद्य पदार्थ बनाने की फैक्ट्री बिना लाइसेंस के चल रहीं हैं। इन फैक्ट्रियों के गेट पर न किसी का नाम लिखा है और न कोई बोर्ड लगा है।

 

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